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7 तरह के विशेष पत्थरों से चमकेगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, नक्काशी खंभे और मेहराब से तैयार मुख्य परिसर दरअसल, कोरोना महामारी के चलते भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने फतेहपुर सीकरी में स्मारकों की दीवार के आगे लकड़ी की रेलिंग लगा दी है, ताकि पर्यटक दीवारों को स्पर्श न कर सकें। बता दें कि पंचमहल परिसर में दीवान-ए-खास के बेहतरीन नक्काशीदार खंभों को पर्यटक छूने के साथ ही उससे लगकर फोटो भी खिंचवाते हैं। इसी तरह का आलम अनूप तालाब, टर्की सुल्ताना महल और दीवान-ए-खास देखने को मिलता है। इसी वजह से एएसआई ने यहां चारों तरफ लकड़ी की रेलिंग लगवा दी है, जिस पर करीब 16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
इस संबंध में अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि यहां कई ऐसे भी पर्यटक आते हैं, जो खुरचकर स्मारकों को नुकसान पहुंचाते हैं। अब रेलिंग होने से वह दीवार से दूर रहेंगे और बगैर नुकसान पहुंचाए स्मारक का दीदार कर सकेंगे। स्मारक को स्पर्श नहीं करने से अन्य पर्यटक भी कोरोना के संक्रमण से बचे रहेंगे।