पुलिस ने क्षत्रियों को नजर बंद कर लिया, तो ठाकुरों के 22 गांव के लोगों ने बेहद चालाकी से बैठक का स्थान बदल दिया। ये बैठक चौहानों की कुलदेवी आशा पूर्णा देवी मंदिर पर हुई। बैठक में लोगों की संख्या महापंचायत जितनी नहीं थी, फिर भी संख्या अच्छी खासी थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब बड़ा आंदोलन किया जायेगा। 11 सितंबर को देवकीनंदन ठाकुर सैमरा आ रहे हैं, उनके कार्यक्रम की तैयारियां चल रही हैं। क्षत्रिय महासभा ने ऐलान किया, कि झूठे मुकदमे बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे।
वहीं पुलिस द्वारा क्षत्रिय महासभा के भवन पर नजरबंद किये जाने से क्षत्रिय समाज में आक्रोश है। क्षत्रिय महासभा के महामंत्री एके सिंह ने कहा कि मासिक बैठक का आयोजन किया जा रहा था, इसी दौरान पुलिस प्रशासन भवन में पहुंच गया। भवन के नीचे वाले हॉल को जेल बना दिया गया। वहीं पर सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक क्षत्रिय सभा के 50 से अधिक पदाधिकारी और सदस्यों को नजरबंद रखा गया।
महामंत्री एके सिंह ने बताया कि ये लोकतंत्र की हत्या है। कोई व्यक्ति अपने घर में बैठकर भी चर्चा नहीं कर सकता है। पुलिस प्रशासन का रवैया बेहद दुखद था। उन्होंने बताया कि क्षत्रिय महासभा इस प्रकार से डरने वाली नहीं है। आगामी समय में बैठक कर जो आंदोलन चल रहा है, उसकी रणनीति बनाई जायेगी। आने वाले समय में संगठन चुप नहीं बैठेगा।