आगरा

ताजमहल से नफरत करती है आगरा की इन पांच गांव की जनता

Taj Mahal Hate ताजमहल विश्व में मशहूर है। लव बर्ड्स ही नहीं दुनिया भी ताज की दीवानी हैं। ताज इतना खूबसूरत है जो भी ताज को देखता है उसके मुंह से बरबस ही निकलता है वाह ताज। पर जहां ताजमहल लोगों के दिलों पर राज करता है वहीं आगरा के पांच गांव ताज से जीभर कर नफरत करते हैं।

आगराMay 17, 2022 / 06:10 pm

Sanjay Kumar Srivastava

ताजमहल विश्व में मशहूर है। लव बर्ड्स ही नहीं दुनिया भी ताज की दीवानी हैं। ताज इतना खूबसूरत है जो भी ताज को देखता है उसके मुंह से बरबस ही निकलता है वाह ताज। पर जहां ताजमहल लोगों के दिलों पर राज करता है वहीं आगरा के पांच गांव ताज से जीभर कर नफरत करते हैं। वजह है ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था से पैदा होने वाली दिक्कतें। इस वजह से इन पांच गांवों में जबरदस्त सरकारी सख्ती रहती है। इस सख्ती की वजह से रिश्तेदारों ने भी आना बंद कर दिया है। और तो और इन पांच गांवों में अब शादी के लिए रिश्ते भी नहीं आते हैं। शादी न होने की वजह से करीब पचास फीसद गांव के युवा कुंवारे हैं। जहां ताजमहल को देखने दूर दूर लोग आते हैं वहीं इन पांच गांव के लोगों को ताजमहल की खूबसूरती रास नहीं आ रही है।
रोचक मामला

मामला वाकई बेहद रोचक है। आगरा के इन पांच गांवों गढ़ी वंगस, नगला पेमा, कलपी नगला, अहमद बुखारी की किस्मत बेहद खराब है। ये पांचों गांव ताजमहल से लगे हुए हैं। इनका रास्ता ठीक ताजमहल के बगल से गुजरता है। वर्ष 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल को अपनी निगरानी में लिया था। इसके बाद से इन गांव के लोगों को शहर जाने के लिए दशहरा घाट के निकट लगे नगला पैमा पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरना पड़ता है या फिर 10 किमी घूमकर धांधूपुरा होकर जाना पड़ता है।
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पास बिना प्रवेश नहीं

अब अगर गांव जाना है तो पास जरूरी है। साथ में आधार कार्ड भी चाहिए। पर अगर रिश्तेदार आ जाते है तो उनके वाहन का प्रवेश निषेध है। तब चेक पॉइंट जाकर खुद रिश्तेदार को लाना पड़ता है। इस उलझन की वजह से रिश्तेदारों में आना कम कर दिया है।
रिश्ते के लिए गांव आने से कतराते हैं लोग

इन गांवों की आबादी करीब 25 हजार होगी। रिश्तेदार तो छोड़िए शादी-विवाह के कार्ड देने व युवाओं के रिश्ते के लिए यहां आने से लोग कतराते हैं। इस वजह से करीब 50 फ़ीसद युवा आज भी यहां कुंवारे हैं। और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
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लोग कर रहे पलायन

इन गांवों में सुबह-शाम थोड़े वक्त के लिए बैट्री रिक्शा को छूट मिलती है। बीमार या गर्भवती महिला के लिए बस सरकारी एम्बुलेंस ही साधन है। माह के पांच दिन ताजमहल के रात्रि दर्शन और वीआईपी मेहमान आने पर गांव में ही कैद रहना पड़ता है। स्थानीय पार्षद का कहना है कि, तंग आकर लोग यहां से पलायन कर रहे हैं।

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