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Mental Health Tips मनोबल सबसे बड़ी ताकत, इस तरह नाकारात्मकता रखें दूर मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ दिनेश राठौर का कहना है कि इंटरनेट एडिक्शन internet addiction को समय रहते गंभीरता से नहीं लिया तो इसके दुष्परिणाम बेहद घातक हो सकते हैं। डॉ दिनेश का कहना है कि इंटरनेट एडिक्शन से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य mental health पर तो असर पड़ता ही है साथ ही व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य भी तेजी से खराब होता है। डॉ दिनेश के मुताबिक एक ऐसी स्थिति आती है जब व्यक्ति की ऑन लाइन एक्टिविटी अत्यधिक और गैरजरूरी हो जाती है, इसके कारण उसके दैनिक दायित्वों के निर्वहन में वाधा पहुंचती है तब वह व्यक्ति अपनी इंटरनेट एक्टिविटी को कम करना चाहता है लेकिन वह ऐसा करने में सफल नहीं होता है तब समझ जाइए कि वह व्यक्ति इंटरनेट एडिक्ट हो चुका है।
लक्षण और दुष्परिणाम इंटरनेट यूज न कर पाने की स्थिति में हताशा, चिंता, बैचेनी, गुस्सा, हृदय गति बढ़ जाना, सांस तेज हो जाना। शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है
फिजिकल एक्टिविटी कम हो जोती है पाचन क्रिया पर असर पड़ता है आंखों में जलन कंधे में दर्द़ पीठ में दर्द आस-पास के लोगों से संवाद कम होता है
कैसे करें बचाव जब इस तरह के लक्षण दिखें तो मनोचिकित्सा पद्धति के जरिए चिंता और हताशा के उचपार के उपयोग में आने वाली दवाइयों का प्रयोग करना होता है। काउंसलिंग और साइको थैरेपी भी की जाती है, जिससे व्यक्ति की इंटरनेट एक्टिविटी की प्रभावी रोकथाम संभव होती है।