श्रीमद्भागवत कथा में छठे दिन हुआ महारास लीला, गोपी विरह भक्ति, कंस वध, उद्धव गोपी संवाद, रुक्मणी विवाह के प्रसंगों का वर्णन
आगरा•Aug 10, 2019 / 07:26 pm•
धीरेंद्र यादव
ईश्वर के दिए जीवन की एक श्वास भी बहुत कीमती है। जीवन में मोक्ष की नहीं बल्कि ठाकुर की भक्ति की कामना करिए। एक जन्म में नहीं हर जन्म में करिए।
कमला नगर स्थित महाराजा अग्रसेन सेवा सदन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में छठे दिन कथा वाचक श्रद्धेय कीर्ति किशोरी जी ने महारास लीला, गोपी विरह भक्ति, कंस वध, उद्धव गोपी संवाद, रुक्मणी विवाह आदि प्रसंगों के वर्णन के दौरान यह बात कही।
कहा कि महारास वह परमअवस्था है जहां परमात्मा से मिलन होता है। यमुना किनारे बांसुरी बजाए कान्हा, जिसे सुन-सुन आयीं ब्रज की बाला..., भजन पर हर भक्त महारास के आनंद में डूब गया।
गोपी विरह भक्ति व उद्धव गोपी संवाद में जहां भक्तों की खे नम हो गईं वहीं कंस वध की कथा सुन राधा-कृष्ण के जयकारों से परिसर गूंज उठा। अंत में आरती के बाद सबी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से रामप्रकाश अग्रवाल, सुनील, बॉबी, जितेन्द्र बंसल, उमेश बंसल, राकेश दालवाले, शालू अग्रवाल, महावीर प्रसाद, अजय कुमार, देवप्रकाश अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, आलोक बाबू, विनय गर्ग, हेमलता, शालिनी, नीतू, नीलम, राधा, शकुंतला आदि उपस्थित थीं।
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