ये खबर भी पढ़ सकते हैं: बेईमानी के धंधे में सफेदपोशों के फंस गए करोड़ों, देहात से चला रहे काला कारोबार सिमकार्ड दूसरे की आईडी पर लिया गया श्याम बोहरा जिन मोबाइल नंबरों से बात कर आॅनलाइन सट्टे का रैकेट चला रहा था, उनमें से एक सिमकार्ड दूसरे की आईडी पर लिया गया था। ये सिमकार्ड हाथरस के सब्जी विक्रेता की आईडी पर रजिस्टर्ड है। पुलिस जालसाजी का एक मामला दर्ज कर चुकी है। वहीं श्याम बोहरा के पास मिले दो सिमकार्ड दिल्ली की आईडी का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों के मुताबिक सिमकार्ड की जांच के लिए पुलिस टीमें भेजी गईं थीं, जिसके बाद फर्जी पते की जानकारी प्राप्त हुई। पुलिस अब उन लोगों की जानकारी करने में जुटी है, जिन्होंने श्याम बोहरा को फर्जी सिमकार्ड देने में मदद की थी। नोएडा से मिली जमानत पर भी पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है कि जमानत के लिए कौन कौन लोग आए थे और क्या दस्तावेज लगाए गए थे।
शहर में श्याम बोहरा का तगड़ा नेटवर्क
सट्टा किंग श्याम बोहरा का शहर में बड़ा नेटवर्क था। बुलियन कारोबारी सुशीला चौहान के छापा भी पड़ा था। वहीं सट्टा किंग कई भाजपा नेताओं के संपर्क भी था। भाजपा के एक बड़े नेता को गिफ्ट देने में भी श्याम बोहरा ने मदद की थी। आगरा पुलिस श्याम बोहरा के सिंडिकेट को तोड़ने में जुटी हुई है।
सट्टा किंग श्याम बोहरा का शहर में बड़ा नेटवर्क था। बुलियन कारोबारी सुशीला चौहान के छापा भी पड़ा था। वहीं सट्टा किंग कई भाजपा नेताओं के संपर्क भी था। भाजपा के एक बड़े नेता को गिफ्ट देने में भी श्याम बोहरा ने मदद की थी। आगरा पुलिस श्याम बोहरा के सिंडिकेट को तोड़ने में जुटी हुई है।
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