प्रकृति का पर्व है शरद पूर्णिमा
विभाग प्रचारक धर्मेंद्र ने कहा कि देश में जो समस्या हैं, उसे स्वयंसेवक अपने प्रभाव से दूर कर सकें। उन्होंने कहा कि संघ के वर्षभर में आयोजित प्रमुख छह उत्सवों में शरद पूर्णिमा उत्सव इस लिए प्रमुख है, क्योंकि यह प्रकृति का पर्व है और प्रकृति से हमें समरसता की शिक्षा मिलती है। अतः हम एकरस होकर समरस समाज की रचना करें। वहीं उन्होंने महिर्षि वाल्मीकि के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए सभी में समभाव भारतीय संस्कृति के अनुरूप आचरण करने की प्रेरणा प्रदान की।
41 नगरों में हुए कार्यक्रम
शरद पूर्णिमा के कार्यक्रम संघ दृष्टि से 41 नगरों में आयोजित हुए, जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रमों में सहभोज, मिलन व गोकुलपुरा के मंगलेश्वर तालाब पर दीपदान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुये विभाग प्रचारक धर्मेंद्र ने कहा कि संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक को चंद्रमा की किरणों के समान बनना चाहिए। ताकि वे अपने गुणों से दूसरे को लाभान्वित कर सकें।, रमन अग्रवाल, सुनील शर्मा, ब्रजेश, महानगर प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी उपस्थित रहे। विभाग प्रचारक का बौद्धिक सत्र चला। जिसमें देश की वर्तमान स्थिति कश्मीर समस्या, आतंकी घटनाएं, आदि देश की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डाला, वहीं ऐसे में देशवासियों के कर्तव्य की व्याख्या की गई। सभी ने एक स्वर में कहा कि भारतीय त्योहारों में स्वदेशी को अपनाने के लिए लोगों से अपील करें।
शरद पूर्णिमा के कार्यक्रम संघ दृष्टि से 41 नगरों में आयोजित हुए, जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रमों में सहभोज, मिलन व गोकुलपुरा के मंगलेश्वर तालाब पर दीपदान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुये विभाग प्रचारक धर्मेंद्र ने कहा कि संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक को चंद्रमा की किरणों के समान बनना चाहिए। ताकि वे अपने गुणों से दूसरे को लाभान्वित कर सकें।, रमन अग्रवाल, सुनील शर्मा, ब्रजेश, महानगर प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी उपस्थित रहे। विभाग प्रचारक का बौद्धिक सत्र चला। जिसमें देश की वर्तमान स्थिति कश्मीर समस्या, आतंकी घटनाएं, आदि देश की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डाला, वहीं ऐसे में देशवासियों के कर्तव्य की व्याख्या की गई। सभी ने एक स्वर में कहा कि भारतीय त्योहारों में स्वदेशी को अपनाने के लिए लोगों से अपील करें।