आगरा

राधास्वामी मत के प्रवर्तक स्वामीजी महाराज की द्वितीय जन्मशताब्दीः हजूरी भवन में दुनियाभर से आ रहे सत्संगी, देखें वीडियो

राधास्वामी मत के वर्तमान आचार्य और आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादाजी महाराज) ने बताया कि हर कोई स्वामी जी महाराज के परमशिष्य हजूर महाराज के चरणों में बैठकर राधास्वामी नाम का जाप करने के लिए उद्यत है।

आगराAug 30, 2018 / 07:58 pm

Bhanu Pratap

hazur maharaj

आगरा। परमपुरुष पूरनधनी स्वामीजी महाराज राधास्वामी दयाल ने 1861 में बसंत पंचमी के दिन आगरा की पन्नी गली से राधास्वामी मत का प्रादुर्भाव किया था। जन्माष्टमी पर तीन सितम्बर को उनकी द्वितीय जन्मशताब्दी है। इस मौके पर पीपलमंडी, आगरा स्थित हजूरी भवन में पांच दिन कार्यक्रम चलेंगे। इसके लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। हजूरी भवन में सैकड़ों सतसंगी प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। सर्वत्र उत्साह का वातावरण है। हर कोई स्वामी जी महाराज के परमशिष्य हजूर महाराज के चरणों में बैठकर राधास्वामी नाम का जाप करने के लिए उद्यत है।
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यहां ठहराया जाएगा

राधास्वामी मत के वर्तमान आचार्य और आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादाजी महाराज) ने बताया कि सतसंगियों को एक दर्जन से अधिक स्थानों पर ठहराने का इंतजाम किया गया है। अचल भवन, सिंधी धर्मशाला, जैन धर्मशाला गुदड़ी मंसूर खां, जैन धर्मशाला बेलनगंज, होटल अजय, होटल कृष्णा, होटल मारवाड़ी, होटल लाल्स इन, गुजराती लॉज और पीपल मण्डी हजूरी भवन स्थित प्रेम निवास, प्रेम विहार, प्रेम सदन, प्रेम निकेतन, प्रेम अटारी और प्रेम विलास से जुड़े आधा दर्जन भवनों में ठहराया जा रहा है। इस अवसर पर एक स्मारिका का प्रकाशन भी किया जा रहा है।
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पोशाक प्रदर्शनी लगेगी

दादाजी महाराज ने बताया कि समारोह में राधास्वामी मत के प्रवर्तक स्वामीजी महाराज द्वारा प्रयोग लाये गये वस्त्र, चरन और उनके पवित्र ग्रन्थों की मूल प्रतियों को भी प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया जाएगा। इसके लिए सभी सत्संगी प्रतीक्षारत हैं। 19वीं शताब्दी में किस तरह के वस्त्रों का प्रचलन था, यह प्रदर्शनी में देखा जा सकता है। प्रत्येक सत्संगी के लिए प्रवेशपत्र जारी किए गए हैं, ताकि सबकी पहचान सुनिश्चित हो सके। समारोह एक सितम्बर से शुरू होगा, लेकिन सत्संगी 29 सितम्बर, 2018 से आने शुरू हो गए हैं। हर ओर उत्साह का वातावरण परिलक्षित है। राधास्वामी नाम की गूंज हो रही है।
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सतसंगी
ये है पूरा कार्यक्रम

एक सितम्बर को सुबह 7.30 से 9 बजे तक सत्संग एवं राधास्वामी नाम एवं धुन, स्थान परम पुरुष पूरन धनी हजूरी महाराज की समाध। 11 बजे महोत्सव का शुभारम्भ होगा। 12 बजे विशेष आरती एवं भोग का आयोजन होगा, जिसके बाद गुरु भवन में दादाजी महाराज के समक्ष परमार्थी संगत होगी। शाम सात बजे से आठ बजे तक सायंकालीन सत्संग होगा।
दो सितम्बर को सुबह 8 बजे से 9.30 बजे तक सत्संग होगा, इसके बाद 11 बजे पवित्र पोशाकों की प्रदर्शनी, शाम सात बजे उद्घाटन एवं स्मारिका का विमोचन होगा। 12.30 बजे सत्संग और शाम सात बजे सांय कालीन सत्संग होगा।
तीन सितम्बर को सुबह 8 बजे से 9.30 बजे तक सत्संग, 12.30 बजे मुख्य आरती सत्संग आरती और रात्रि 11.30 बजे विशेष आरती सत्संग होगा।

4 सितम्बर को निरंतर सत्संग समाध परम पुरुष पूरन धनी हजूर महाराज पर जारी रहेगा।
पांच सितम्बर को को 12.30 बजे समापन आरती होगी, जिसके बाद विशेष भोज का आयोजन होगा

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