जन्माष्टमी पर होगी पूजा अर्चना
इस बार जन्माष्टमी तीन सितम्बर को पड़ रही है। राधास्वामी के मत के प्रवर्तक स्वामीजी महाराज का अवतरण 24 अक्टूबर 1818 में हुआ था। उस दिन जन्माष्टमी थी। इस अवसर पर राधास्वामी सत्संग, स्वामी बाग द्वारा 31 अगस्त से छह सितम्बर तक समाधि स्थल पर द्वि शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह छह बजे कोठी बाबूजी महाराज पर सत्संग हुआ। अखंड सत्संग चात दिन तक जारी रहेगा। प्रतिदिन चार मुख्य सत्संग आयोजित होंगे। स्वामीजी महाराज के पिन्नी वाली गली स्थित गुरुद्वाा में भी एक दिन सत्संग होगा। यहां स्वामीजी महाराज का जन्म स्थल है।
इस बार जन्माष्टमी तीन सितम्बर को पड़ रही है। राधास्वामी के मत के प्रवर्तक स्वामीजी महाराज का अवतरण 24 अक्टूबर 1818 में हुआ था। उस दिन जन्माष्टमी थी। इस अवसर पर राधास्वामी सत्संग, स्वामी बाग द्वारा 31 अगस्त से छह सितम्बर तक समाधि स्थल पर द्वि शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह छह बजे कोठी बाबूजी महाराज पर सत्संग हुआ। अखंड सत्संग चात दिन तक जारी रहेगा। प्रतिदिन चार मुख्य सत्संग आयोजित होंगे। स्वामीजी महाराज के पिन्नी वाली गली स्थित गुरुद्वाा में भी एक दिन सत्संग होगा। यहां स्वामीजी महाराज का जन्म स्थल है।
राधास्वामी मत के गुरु दादाजी महाराज ने स्वामी बाग में बनी स्वामी जी महाराज की समाध के बारे में किया बड़ा खुलासा, देखें वीडियो जन्माष्टमी पर होगा ये कार्यक्रम
द्विशताब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए करीब 25 हजार सत्संगी आगरा पहुंचे हैं। आगरा के विभिन्न स्थानों पर इन सत्संगी को ठहराया गया है। अमेरिका, ग्रेट बिट्रेन, जर्मनी, पाकिस्तान, दुबई, ओमान और केन्या आदि देशों से सत्संगी आए हैं। वहीं भारत के जम्मू कश्मीर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु आदि राज्यों से भी सत्संगी आए हैं। तीन सितम्बर को जन्माष्टमी के दिन सुबह साढ़े नौ बजे आरती सत्संग होगा। पवित्र समाधि पर छह सितम्बर रात ग्यारह बजे होने वाले सत्संग के साथ समारोह संपन्न होगा। इस मौके पर स्वामीबाग में आकर्षक विद्युत सजावट की गई है। रंग बिरंगी रोशनियों से शाम को दयालबाग जगमग होने लगता है। दयालबाग के कई भवनों पर विद्युत झालरें लगाई गई हैं।
द्विशताब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए करीब 25 हजार सत्संगी आगरा पहुंचे हैं। आगरा के विभिन्न स्थानों पर इन सत्संगी को ठहराया गया है। अमेरिका, ग्रेट बिट्रेन, जर्मनी, पाकिस्तान, दुबई, ओमान और केन्या आदि देशों से सत्संगी आए हैं। वहीं भारत के जम्मू कश्मीर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु आदि राज्यों से भी सत्संगी आए हैं। तीन सितम्बर को जन्माष्टमी के दिन सुबह साढ़े नौ बजे आरती सत्संग होगा। पवित्र समाधि पर छह सितम्बर रात ग्यारह बजे होने वाले सत्संग के साथ समारोह संपन्न होगा। इस मौके पर स्वामीबाग में आकर्षक विद्युत सजावट की गई है। रंग बिरंगी रोशनियों से शाम को दयालबाग जगमग होने लगता है। दयालबाग के कई भवनों पर विद्युत झालरें लगाई गई हैं।