पोर्टल में हो रहा बदलाव
दो साल पूर्व ऑनलाइन शिकायतों के लिए पोर्टल शुरू हुआ था, जिले में हर दिन तीस से चालीस शिकायतें पोर्टल के जरिए आती हैं। सबसे अधिक शिकायतें जिला प्रशासन की होती हैं। अभी तक शिकायत को संबंधित विभाग के अफसर के पास ट्रांसफर कर दिया जाता था। जांच के बाद उसे वापस किया जाता था। शिकायत की ऑनलाइन ट्रैफिक भी की जा सकती थी, लेकिन कई बार इसे फर्जी तरीके से निस्तारित कर वेबसाइट में अपलोड कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
दो साल पूर्व ऑनलाइन शिकायतों के लिए पोर्टल शुरू हुआ था, जिले में हर दिन तीस से चालीस शिकायतें पोर्टल के जरिए आती हैं। सबसे अधिक शिकायतें जिला प्रशासन की होती हैं। अभी तक शिकायत को संबंधित विभाग के अफसर के पास ट्रांसफर कर दिया जाता था। जांच के बाद उसे वापस किया जाता था। शिकायत की ऑनलाइन ट्रैफिक भी की जा सकती थी, लेकिन कई बार इसे फर्जी तरीके से निस्तारित कर वेबसाइट में अपलोड कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
कार्यशाला में दी जानकारी
शुक्रवार को तहसील सदर में कार्यशाला हुई, जिसमें ऑनलाइन जन शिकायत के पोर्टल में हो रहे बदलाव की जानकारी दी गई। एडीएम सिटी केपी सिंह ने बताया कि अब त्रिस्तरीय जांच होगी। प्रत्येक शिकायत के निस्तारण के बाद लखनऊ से फीड बैक लिया जाएगा। अगर शिकायत का फर्जी तरीके से निस्तारण हुआ है तो दोषी अफसर के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान एसडीएम सदर श्यामलता आनंद, तहसीलदार रजनीकांत सहित अन्य मौजूद रहे।
शुक्रवार को तहसील सदर में कार्यशाला हुई, जिसमें ऑनलाइन जन शिकायत के पोर्टल में हो रहे बदलाव की जानकारी दी गई। एडीएम सिटी केपी सिंह ने बताया कि अब त्रिस्तरीय जांच होगी। प्रत्येक शिकायत के निस्तारण के बाद लखनऊ से फीड बैक लिया जाएगा। अगर शिकायत का फर्जी तरीके से निस्तारण हुआ है तो दोषी अफसर के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान एसडीएम सदर श्यामलता आनंद, तहसीलदार रजनीकांत सहित अन्य मौजूद रहे।
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