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निहाल सिंह Yamuna Expressway से तीन किलो मीटर दूर स्थित गांव चौगान के घड़ी रामी का रहने वाला है। निहाल सिंह ने बताया कि वह रोज सुबह यमुना एक्सप्रेस वे की तरफ आता है। प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह 4 बजे वह झरना नाले के पास ही था। निहाल सिंह वहां शौच कर रहा था, तभी उसे तेज आवाज सुनाई दी। आवाज का ये क्रम करीब 40 सेकेंड में एक जोरदार धमाके के साथ थम गया। वह कुछ समझ पाता, उससे पहले उसकी आंखों के सामने नाले में अवध डिपो की लग्जरी बस गिरी हुई थी। बस लगातार नाले के दलदल में धंसती जा रही थी।
निहाल सिंह Yamuna Expressway से तीन किलो मीटर दूर स्थित गांव चौगान के घड़ी रामी का रहने वाला है। निहाल सिंह ने बताया कि वह रोज सुबह यमुना एक्सप्रेस वे की तरफ आता है। प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह 4 बजे वह झरना नाले के पास ही था। निहाल सिंह वहां शौच कर रहा था, तभी उसे तेज आवाज सुनाई दी। आवाज का ये क्रम करीब 40 सेकेंड में एक जोरदार धमाके के साथ थम गया। वह कुछ समझ पाता, उससे पहले उसकी आंखों के सामने नाले में अवध डिपो की लग्जरी बस गिरी हुई थी। बस लगातार नाले के दलदल में धंसती जा रही थी।
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निहाल सिंह ने इस हादसे के बाद सूझबूझ के साथ काम किया। वह मौके की तरफ दौड़ा और सबसे पहले पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उसने अपने गांव में इस हादसे की सूचना पहुंचाई और इसके बाद खुद नाले में कूद गया। हादसे के बाद चीख पुकार मची हुई थी। वह बस तक पहुंचा और बस के शीशे तोड़ना शुरू कर दिए। उसने बताया कि बस में से उसने पांच मिनट के अंदर ही पांच लोगों को बाहर निकालकर, किनारे तक पहुंचा दिया। इसके बाद वह लगातार बस में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जूझता रहा।
निहाल सिंह ने इस हादसे के बाद सूझबूझ के साथ काम किया। वह मौके की तरफ दौड़ा और सबसे पहले पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उसने अपने गांव में इस हादसे की सूचना पहुंचाई और इसके बाद खुद नाले में कूद गया। हादसे के बाद चीख पुकार मची हुई थी। वह बस तक पहुंचा और बस के शीशे तोड़ना शुरू कर दिए। उसने बताया कि बस में से उसने पांच मिनट के अंदर ही पांच लोगों को बाहर निकालकर, किनारे तक पहुंचा दिया। इसके बाद वह लगातार बस में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जूझता रहा।
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निहाल सिंह युवा किसान है और घड़ी रामी गांव का रहने वाला है। हाईस्कूल पास निहाल सिंह ने जिस सूझबूझ के चलते इस हादसे के दौरान काम किया, उसे लेकर अधिकारियों ने तो उसे शाबासी दी ही, साथ ही गांव के लोगों ने भी उसके इस कार्य की जमकर सराहना की। यदि निहाल सिंह इस सूझबूझ और तेजी के साथ काम न करता, तो इस हादसे में और भी जानें जा सकती थीं। उसकी वजह से करीब 18 जिंदगियां बच पाईं। क्योंकि हादसा सुबह 4.20 बजे हुआ। उस समय न तो Yamuna expressway पर वाहनों की भीड़ थी और नाहीं आस पास कोई दिखाई दे रहा था।
निहाल सिंह युवा किसान है और घड़ी रामी गांव का रहने वाला है। हाईस्कूल पास निहाल सिंह ने जिस सूझबूझ के चलते इस हादसे के दौरान काम किया, उसे लेकर अधिकारियों ने तो उसे शाबासी दी ही, साथ ही गांव के लोगों ने भी उसके इस कार्य की जमकर सराहना की। यदि निहाल सिंह इस सूझबूझ और तेजी के साथ काम न करता, तो इस हादसे में और भी जानें जा सकती थीं। उसकी वजह से करीब 18 जिंदगियां बच पाईं। क्योंकि हादसा सुबह 4.20 बजे हुआ। उस समय न तो Yamuna expressway पर वाहनों की भीड़ थी और नाहीं आस पास कोई दिखाई दे रहा था।