आगरा

ग्लोबल वार्मिंग पर नियंत्रण के साथ पानी की बचत करेगी वास्तु की ये नई तकनीक

होटल क्लाक्र्स में जुटे आर्किटेक्ट्स, विरासत पर्यावरण सरंक्षण संग वास्तु के भविष्य पर की चर्चा।

आगराMar 17, 2018 / 06:32 pm

धीरेंद्र यादव

Architects Association

आगरा। आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन द्वारा होटल क्लाक्र्स में आयोजित आरकॉन एक्स्पो एंड सम्मिट 2018 के अंतिम दिन विविध तकनीकी सत्र देर शाम तक जारी रहे। विद्यानों ने विरासत व पर्यावरण के संरक्षण के साथ वास्तु कला के भविष्य पर सारगर्मित विचार साझा किए। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि यदि भवन निर्माण में लकड़ी का प्रयोग करेंगे, तो ग्लोबल वॉर्मिंग पर भी नियंत्रण होगा और पानी की बतच भी होगी।
मकान बनाने में लकड़ी का करें प्रयोग
ब्रेकिंग द कॉन्क्रीट माइंडसेट्स विषय पर अनुराग खंडेलवाल ने कहा कि अब हमें दिमाग से ये निकालना होगा कि घर केवल कांक्रीट से बनते हैं। वजह ये है कि निर्माण में स्टील व कंक्रीट के प्रयोग से 8 से 10 फीसद कार्बन फुट प्रिंट उत्सर्जित होता है। समूचा निर्माण उद्योग कुल मिलाकर 45 फीसद कार्बन फुट प्रिंट छोड़ता है। यह पर्यावरण के लिए घातक है। इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। फलस्वरूप प्राकृतिक आपदाएं हो रही हैं। भवन निर्माण में लकड़ी का प्रयोग करेंगे तो ग्लोबल वॉर्मिंग पर भी नियंत्रण होगा और पानी की बतच होगी।

कॉन्फेंस का किया शुभारम्भ
इससे पूर्व की नोट स्पीकर डॉ. विनोद गुप्ता ने दीप जलाकर कॉन्फ्रेस का शुभारम्भ किया। उन्होंने फ्यूचर आॅफ सस्टेन विलिटी पर बोलते हुए कहा कि मकान हर युग में मानव की प्राथमिक जरूरत रहा है। विश्व की तेजी से बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए यह जरूरत और भी बढ़ रही है। नई वास्तु तकनीकों से हमें इस वैश्विक चुनौती का सामना करना होगा। कार्यक्रम में जेएस फौजदार, सुमित विभव, वीपी शर्मा, अजय शर्मा, येशवीर सिंह, सिद्धार्थ शर्मा, अमित जुनेजा, सुनील चतुर्वेदी, अवन्तिका शर्मा, रोहित खंडेलवाल, चंदन पोद्दार, राहुल गुप्ता, अनुभव दीक्षित, अमित बघेल, रामवीर, राजेश व मीडिया समन्वयक कुमार ललित मौजूद रहे।
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