आगरा

कागजों में ही सिमट कर रह गया मिशन अंत्योेदय

अप्रैल 2017 में प्रधानम़ंत्री ने की थी मिशन अंत्योदय योजना की घोषणा। वर्ष 2019 तक 50 हजार ग्राम पंचायतों की गरीबी को मुक्त करने के लिए शुरू की गई थी।

आगराMay 04, 2018 / 04:44 pm

suchita mishra

team appointed for check of mission antyoday in each districts

आगरा। प्रधानमंत्री की प्रमुख योजनाओं मेें शुमार मिशन अंत्योदय योजना को अधिकारियों की लापरवाही ने थाम दिया है। यही कारण है कि पिछले डेढ़ साल में मिशन की कार्य योजना तक तैयार नहीं हो पाई है। योजना का उद्देश्य ग्राणीण क्षेत्रों में बसने वाले गरीब एवं बेरोजगारों को रोजगार प्रदान कर उन्हें बुनियादी एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है, लेकिन अधिकारियों की शिथिल कार्यशैली के कारण ये अब भी कागजों तक ही सिमटी हुई है।
ये है मिशन अत्योदय योजना
मिशन अंत्योदय योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी बनाना। 10 से 12 ग्राम पंचायतों में एक गांव को विकसित करना जहां आधुनिक व्यवस्थाएं हों। जिसमें एटीएम, बैंक, मंडी एवं शहरी क्षेत्रों से गांव की बेहतर कनेक्टिविटी हो।
पिछले साल हो चुका है सर्वे
मिशन अंत्योदय योजना की पिछले साल ही सर्वे भी किया जा चुका है,लेकिन सर्वे के बाद भी योजना अभी कागजों में ही बंद पड़ी है। आजीविका मिशन के उपायुक्त बीसी त्रिपाठी का कहना है कि प्रदेश सरकार के ग्राम स्वराज अभियान में काफी व्यस्तता है, इस योजना के समाप्त होने के बाद मिशन अंत्योदय योजना पर कार्य शुरू हो जाएगा।
एक साल में 100 से अधिक गांव करने है गरीबी से मुक्त
पिछले साल 127 गांव का चयन किया जा चुका हैं। योजना को 2019 तक पूरा करना है। लेकिन पिछले डेेढ़ साल में कार्य योजना तक नहीं बन पाई है। ऐसे में 2019 तक इस लक्ष्य को हासिल करना काफी मुश्किल दिखता है।
आगरा में इतने गांव को हुआ चयन
आगरा में ब्लॉक स्तर पर गांवों का चयन किया गया है। जिसमें सैंया से आठ, जगनेर से सात, बरौली अहीर से 12, अकोला से सात, अछनेरा से नौ, शमसाबाद से दस, बाह से आठ, फतेहपुरसीकरी से दस, खैरागढ़ से सात, बिचपुरी से सात, खदौली से छह, जैंतपुर कलां से आठ, पिनाहट से सात और एत्मादपुर से आठ गांव योजना के तहत चयन किए गए हैं।
 

 

 

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