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एलपीजी डीलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष डीपी सिंह ने बताया कि सुरक्षा जांच दो साल में एक बार करवाना जरूरी है। यदि उपकरण सहीं हैं और कंपनी के हैं, तो ठीक, अन्यथा बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उपभौकताओं को अंतरदेशीय डाक से पत्र मिला है। पत्र में लिखा है कि एलपीजी से दुर्घटनाओं के कारण कंपनी ने थर्ड पार्टी बीमा करवाया है। वह तभी मान्य होगा, जब उपभोक्ता कंपनी के सिलेंडर, रेगुलेटर इस्तेमाल कर रहे होंगे।
एलपीजी डीलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष डीपी सिंह ने बताया कि सुरक्षा जांच दो साल में एक बार करवाना जरूरी है। यदि उपकरण सहीं हैं और कंपनी के हैं, तो ठीक, अन्यथा बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उपभौकताओं को अंतरदेशीय डाक से पत्र मिला है। पत्र में लिखा है कि एलपीजी से दुर्घटनाओं के कारण कंपनी ने थर्ड पार्टी बीमा करवाया है। वह तभी मान्य होगा, जब उपभोक्ता कंपनी के सिलेंडर, रेगुलेटर इस्तेमाल कर रहे होंगे।
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सिलेंडर, रेगुलेटर और पाइप की जांच का चार्ज 150 रुपये है। इसके अलावा 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, यानि कुल 177 रुपये आपको देने होंगे। बता दें कि अधिकतम बीमा का लाभ 50 लाख रुपये तक का होता है। यह सामूहिक दुर्घटना में दिया जाता है। गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 10 से 25 लाख रुपये की राशि तक का दुर्घटना बीमा हो जाता है।
सिलेंडर, रेगुलेटर और पाइप की जांच का चार्ज 150 रुपये है। इसके अलावा 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, यानि कुल 177 रुपये आपको देने होंगे। बता दें कि अधिकतम बीमा का लाभ 50 लाख रुपये तक का होता है। यह सामूहिक दुर्घटना में दिया जाता है। गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 10 से 25 लाख रुपये की राशि तक का दुर्घटना बीमा हो जाता है।