ये बोले गांव के लोग
पत्रिका टीम पहुंची मिनी छपरौली कहे जाने वाले फतेहपुर सीकरी के जाट बाहुल्य गांव दुल्हारा। गांव में प्रवेश करने के दौरान चिलचिलाती धूप में किसान खेतों में काम करते नजर आये, तो वहीं गांव में गर्मी की वजह से सन्नाटा पसरा हुआ था। पत्रिका टीम बीच गांव में पहुंची, तो यहां जसवंत सिंह होला पहलवान के घर लोगों की जमात लगी हुई थी। चर्चा कुछ और ही हो रही थी, लेकिन पत्रिका टीम ने जब अपना परिचय दिया, तो इस चर्चा में राजनीति का रंग चढ़ गया।
पत्रिका टीम पहुंची मिनी छपरौली कहे जाने वाले फतेहपुर सीकरी के जाट बाहुल्य गांव दुल्हारा। गांव में प्रवेश करने के दौरान चिलचिलाती धूप में किसान खेतों में काम करते नजर आये, तो वहीं गांव में गर्मी की वजह से सन्नाटा पसरा हुआ था। पत्रिका टीम बीच गांव में पहुंची, तो यहां जसवंत सिंह होला पहलवान के घर लोगों की जमात लगी हुई थी। चर्चा कुछ और ही हो रही थी, लेकिन पत्रिका टीम ने जब अपना परिचय दिया, तो इस चर्चा में राजनीति का रंग चढ़ गया।
ये बोले गांव के लोग
पत्रिका टीम ने लोकसभा चुनाव 2019 में होने वाले चुनाव को लेकर इन गांव वालों से चर्चा की, तो सबसे पहले बात आई की बड़ी समस्या क्या है। गांव के रहने वाले वृद्ध अजब सिंह पहलवान ने बताया कि वर्षो से इस गांव की ही नहीं, बल्कि पूरे फतेहपुर सीकरी क्षेत्र की पेयजल और सिंचाई के लिये पानी की समस्या बनी हुई है। बारिश और नहरों के सहारे सिंचाई की व्यवस्था चल रही है। यहां के रहने वाले रामनिवास ने बताया कि यदि नहर विभाग पानी छोड़ने में देरी करता है, तो इनके सामने बड़ा संकट पैदा हो जाता है।
पत्रिका टीम ने लोकसभा चुनाव 2019 में होने वाले चुनाव को लेकर इन गांव वालों से चर्चा की, तो सबसे पहले बात आई की बड़ी समस्या क्या है। गांव के रहने वाले वृद्ध अजब सिंह पहलवान ने बताया कि वर्षो से इस गांव की ही नहीं, बल्कि पूरे फतेहपुर सीकरी क्षेत्र की पेयजल और सिंचाई के लिये पानी की समस्या बनी हुई है। बारिश और नहरों के सहारे सिंचाई की व्यवस्था चल रही है। यहां के रहने वाले रामनिवास ने बताया कि यदि नहर विभाग पानी छोड़ने में देरी करता है, तो इनके सामने बड़ा संकट पैदा हो जाता है।
