आगरा नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में यहां स्ट्रीट लाइट का हर महीने तीन करोड़ रुपए बिजली का बिल आता है। इस पूरी कवायद का मकसद बिजली के फालतू के खर्च को कम करना है। उन्होंने बताया कि लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही के बावजूद नगर निगम प्रशासन को रोजाना तीन से चार शिकायतें दिन में स्ट्रीट लाइट जलने की आती हैं। लाइट कंट्रोल डिवाइस से दिन में स्ट्रीट लाइट जलना बंद होंगी, वहीं अनावश्यक खर्च बचेगा।
नगर आयुक्त बोले
नगर आयुक्त निखिल टीकाराम ने शुरुआत में 100 पोल पर लाइट कंट्रोल डिवाइस का ट्रायल किया जाएगा। अगर यह सफल रहता है तो शेष बचे पोल पर भी इसे लगाया जाएगा। पार्षद राजेश प्रजापति ने कहा कि नगर निगम प्रशासन का यह अच्छा प्रयास है। इससे बिजली की बचत होगी।
…तो सभी नगर निगमों में होगा लागू
आगरा नगर निगम में 48 हजार स्ट्रीट लाइट के पोल हैं। 45 हजार पोल में लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से 37 हजार पोल में एलईडी लगी हुई हैं। इनसे हर महीने तीन करोड़ रुपये का बिजली का बिल आता है। आगरा में अगर लाइट कंट्रोल डिवाइस का ट्रॉयल सफल रहा तो प्रदेश के बाकी 16 नगर निगमों में इसे लागू किया जा सकता है। इससे करोड़ों की बचत होगी।
नगर आयुक्त निखिल टीकाराम ने शुरुआत में 100 पोल पर लाइट कंट्रोल डिवाइस का ट्रायल किया जाएगा। अगर यह सफल रहता है तो शेष बचे पोल पर भी इसे लगाया जाएगा। पार्षद राजेश प्रजापति ने कहा कि नगर निगम प्रशासन का यह अच्छा प्रयास है। इससे बिजली की बचत होगी।
…तो सभी नगर निगमों में होगा लागू
आगरा नगर निगम में 48 हजार स्ट्रीट लाइट के पोल हैं। 45 हजार पोल में लाइटें लगी हुई हैं, जिनमें से 37 हजार पोल में एलईडी लगी हुई हैं। इनसे हर महीने तीन करोड़ रुपये का बिजली का बिल आता है। आगरा में अगर लाइट कंट्रोल डिवाइस का ट्रॉयल सफल रहा तो प्रदेश के बाकी 16 नगर निगमों में इसे लागू किया जा सकता है। इससे करोड़ों की बचत होगी।