रात्रि की घटना
मामला थाना बासोनी के गांव उदयपुर खालसा का है। यहां के निवासी किसान धनीराम उम्र करीब 55 वर्ष रोज की भांति गुरुवार की रात्रि में आठ बजे अपने खेत में खडडी गेहूं की फसल की रखवाली के लिये गये थे। खेत पर पहुँचते ही देखा कि आवारा पशुओं का बहुत बड़ा झुण्ड फसल को नष्ट किए दे रहा है। किसान दौड़कर इन पशुओ को भगाने लगा। उसी दौरान भागते समय अचानक किसान को हार्ट अटैक पड़ गया। बेहोश होकर खेत पर ही गिर गए।
मामला थाना बासोनी के गांव उदयपुर खालसा का है। यहां के निवासी किसान धनीराम उम्र करीब 55 वर्ष रोज की भांति गुरुवार की रात्रि में आठ बजे अपने खेत में खडडी गेहूं की फसल की रखवाली के लिये गये थे। खेत पर पहुँचते ही देखा कि आवारा पशुओं का बहुत बड़ा झुण्ड फसल को नष्ट किए दे रहा है। किसान दौड़कर इन पशुओ को भगाने लगा। उसी दौरान भागते समय अचानक किसान को हार्ट अटैक पड़ गया। बेहोश होकर खेत पर ही गिर गए।
रास्ते में मौत
खेत के दूसरी ओर बेटा भी पशुओं को भगा रहा था। जब बेटे ने देखा कि उसके पिता बेहोश पडे हैं, तो उन्हें घर लेकर आया। उपचार के लिये आगरा ले जा रहा था। घर से करीब दस किलोमीटर ही जा पाया था कि पिता ने दम तोड़ दिया। किसान की मौत से घर मे कोहराम मच गया। ज्यादातर किसानों का आवारा पशुओं ने जीना मुश्किल कर दिया है।
खेत के दूसरी ओर बेटा भी पशुओं को भगा रहा था। जब बेटे ने देखा कि उसके पिता बेहोश पडे हैं, तो उन्हें घर लेकर आया। उपचार के लिये आगरा ले जा रहा था। घर से करीब दस किलोमीटर ही जा पाया था कि पिता ने दम तोड़ दिया। किसान की मौत से घर मे कोहराम मच गया। ज्यादातर किसानों का आवारा पशुओं ने जीना मुश्किल कर दिया है।
सरकार गंभीरता से ले समस्या
इस मामले में भारती किसान संघ के बृज क्षेत्र अध्यक्ष मोहन सिंह चाहर ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार को आवारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। आए दिन किसानों की मौत हो रही है। अभी तक आवारा पशुओं पर लगाम नहीं लगाई गई है।
इस मामले में भारती किसान संघ के बृज क्षेत्र अध्यक्ष मोहन सिंह चाहर ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार को आवारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। आए दिन किसानों की मौत हो रही है। अभी तक आवारा पशुओं पर लगाम नहीं लगाई गई है।
सरकार नहीं कर रही वादे पूरे
किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ वादे करती है। उन्हें पूरा नहीं करती। किसान इन पशुओं से परेशान हैं। फसलों की रखवाली करना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने इसके लिये गौशाला निर्माण की बात कही थी, किन्तु इन गोवंशों व बेसहारा पशुओं से मुक्ति मिलती नहीं दिख रही है। गौशाला के सम्बन्ध मे कोई काम होता नहीं दिख रहा है।
किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ वादे करती है। उन्हें पूरा नहीं करती। किसान इन पशुओं से परेशान हैं। फसलों की रखवाली करना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने इसके लिये गौशाला निर्माण की बात कही थी, किन्तु इन गोवंशों व बेसहारा पशुओं से मुक्ति मिलती नहीं दिख रही है। गौशाला के सम्बन्ध मे कोई काम होता नहीं दिख रहा है।