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लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए नीरज जैन ने बताते हैं- हर व्यक्ति के लिए सफलता के अलग-अलग मायने होते हैं। किसी को परीक्षा में उत्तीर्ण होना सफलता है तो किसी को बिजनेस में ऊंचाई पर जाना सफलता है। कोई बच्चा अगर प्रतियोगी परीक्षा दे रहा है तो उसमें पास होना सफलता है। सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। जो लक्ष्य बनाया है, उसे प्राप्त करन के लिए जो भी रास्ता अख्तियार करते हैं, उस रास्ते पर बिना रुके, बिना थके और पूरी ईमानदारी के साथ पूरा प्रयास करना चाहिए, सफलता जरूर मिलेगी।
लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए नीरज जैन ने बताते हैं- हर व्यक्ति के लिए सफलता के अलग-अलग मायने होते हैं। किसी को परीक्षा में उत्तीर्ण होना सफलता है तो किसी को बिजनेस में ऊंचाई पर जाना सफलता है। कोई बच्चा अगर प्रतियोगी परीक्षा दे रहा है तो उसमें पास होना सफलता है। सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। जो लक्ष्य बनाया है, उसे प्राप्त करन के लिए जो भी रास्ता अख्तियार करते हैं, उस रास्ते पर बिना रुके, बिना थके और पूरी ईमानदारी के साथ पूरा प्रयास करना चाहिए, सफलता जरूर मिलेगी।
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ईमानदार प्रयास बहुत जरूरी सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। सफलता पाने के लिए लगातार मेहनत करनी होती है। सफलता पाने के लिए कोई जुगाड़ नहीं होती है। सफलता केवल अपनी मेहनत से पाई जा सकती है। सफलता के लिए उद्देश्य के प्रति क्लीअर और ईमानदार प्रयास बहुत जरूरी है। हमारे तमाम बच्चे सफलता पाने के लिए शॉर्टकट ढूंढते हैं। हो सकता है कभी मंजिल पा लें लेकिन वह क्षणिक होती है। शॉर्टकट का रास्ता भी उचित नहीं है। अंततोगत्व इस कंपटीशन के जमाने में जब तक ईमानदारी से पूरा प्रयास नहीं करेंगे, तब तक सफलता का स्वाद भी नहीं मिलेगा। अगर हम अपनी मेहनत के बूते पर कोई चीज प्राप्त करते हैं तो उसका आनंद कुछ और होता है। सफलता के लिए गुरुजन और माता-पिता का मार्गदर्शन जरूरी है। माता-पिता का दायित्व है कि बच्चे को सही दिशा-निर्देश दें। माता-पिता गुरुजन बच्चे को मंजिल का पता बता सकते हैं, सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं, लेकिन चलना तो बच्चे को ही है। यह बात बच्चों को पहले से बताएं।
ईमानदार प्रयास बहुत जरूरी सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। सफलता पाने के लिए लगातार मेहनत करनी होती है। सफलता पाने के लिए कोई जुगाड़ नहीं होती है। सफलता केवल अपनी मेहनत से पाई जा सकती है। सफलता के लिए उद्देश्य के प्रति क्लीअर और ईमानदार प्रयास बहुत जरूरी है। हमारे तमाम बच्चे सफलता पाने के लिए शॉर्टकट ढूंढते हैं। हो सकता है कभी मंजिल पा लें लेकिन वह क्षणिक होती है। शॉर्टकट का रास्ता भी उचित नहीं है। अंततोगत्व इस कंपटीशन के जमाने में जब तक ईमानदारी से पूरा प्रयास नहीं करेंगे, तब तक सफलता का स्वाद भी नहीं मिलेगा। अगर हम अपनी मेहनत के बूते पर कोई चीज प्राप्त करते हैं तो उसका आनंद कुछ और होता है। सफलता के लिए गुरुजन और माता-पिता का मार्गदर्शन जरूरी है। माता-पिता का दायित्व है कि बच्चे को सही दिशा-निर्देश दें। माता-पिता गुरुजन बच्चे को मंजिल का पता बता सकते हैं, सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं, लेकिन चलना तो बच्चे को ही है। यह बात बच्चों को पहले से बताएं।