इसलिए मिलेगा कई गुना ज्यादा फल
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार के करवाचौथ पर 70 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। इस बार रोहिणी नक्षत्र और मंगल का योग एक साथ होने से करवाचौथ काफी मंगलकारी होगा। इस व्रत को रखने व पूजन करने वाली स्त्रियों को ये शुभ योग हजार गुना ज्यादा फल देगा।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार के करवाचौथ पर 70 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। इस बार रोहिणी नक्षत्र और मंगल का योग एक साथ होने से करवाचौथ काफी मंगलकारी होगा। इस व्रत को रखने व पूजन करने वाली स्त्रियों को ये शुभ योग हजार गुना ज्यादा फल देगा।
ये होगा पूजन व चंद्रोदय का समय
पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को हिंदू शास्त्रों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत को रहने से पति—पत्नी के बीच रिश्ता अधिक मजबूत व संबन्ध मधुर होते हैं, जिससे दांपत्य जीवन सुखद होता है। इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को सुबह 06:48 बजे शुरू हो जाएगी और 18 अक्टूबर को 07:28 बजे समाप्त होगी। पूजन का समय शाम 05:46 से 07:02 तक होगा। वहीं चंद्रोदय 08:20 बजे होगा। चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोला जाएगा।
पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को हिंदू शास्त्रों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत को रहने से पति—पत्नी के बीच रिश्ता अधिक मजबूत व संबन्ध मधुर होते हैं, जिससे दांपत्य जीवन सुखद होता है। इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को सुबह 06:48 बजे शुरू हो जाएगी और 18 अक्टूबर को 07:28 बजे समाप्त होगी। पूजन का समय शाम 05:46 से 07:02 तक होगा। वहीं चंद्रोदय 08:20 बजे होगा। चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोला जाएगा।