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ऑनलाइन रिपोर्ट कैसे लगाएं सरकार ने पांच साल पहले योजना चलाई कि सभी प्रकार के प्रमाणपत्र ऑनलाइन बनेंगे। इसके तहत मोहल्लों में केन्द्र खोले गए। वहां आवेदन किया जाता है। प्रमाणपत्रों के लिए तहसील में कोई आवेदन नहीं लिया जाता है। लेखपाल को भी ऑनलाइन रिपोर्ट लगानी होती है। इसके लिए संसाधन चाहिए, जैसे लैपटॉप और नेट की सुविधा। लेखपालों को रिपोर्ट लगाने लिए साइबर कैफे जाना पड़ता है।
ऑनलाइन रिपोर्ट कैसे लगाएं सरकार ने पांच साल पहले योजना चलाई कि सभी प्रकार के प्रमाणपत्र ऑनलाइन बनेंगे। इसके तहत मोहल्लों में केन्द्र खोले गए। वहां आवेदन किया जाता है। प्रमाणपत्रों के लिए तहसील में कोई आवेदन नहीं लिया जाता है। लेखपाल को भी ऑनलाइन रिपोर्ट लगानी होती है। इसके लिए संसाधन चाहिए, जैसे लैपटॉप और नेट की सुविधा। लेखपालों को रिपोर्ट लगाने लिए साइबर कैफे जाना पड़ता है।
यह भी पढ़ें अनोखी है इस मंदिर की कहानी, सतयुग से है इस मंदिर की गुफा, देखें वीडियो क्या है समस्या एक माह में वाहन भत्ते के रूप में 100 रुपये मिलता है। स्टेशनरी भत्ते के 100 रुपये , हाउस रेंट के 400 रुपये दिए जाते हैं। 34 साल सेवा के बाद भी लेखपाल के पद से सेवानिवृत्ति हो जाती है। कोई पदोन्नति नहीं हो रही है। वर्ष 2003 में चयन होने होने के बाद भी पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। यूपी की किसी भी तहसील में लेखापालों के लिए बैठने तक की सुविधा नहीं है। कोई कार्यालय नहीं है। गांवों में तो दरी पर बैठकर कार्य करना होता है। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के मीडिया प्रभारी डॉ. अश्वनी कुमार का कहना है कि क्या 100 रुपये में एक माह तक बाइक चलाई जा सकती है? आज के युग में क्या साइकिल पर काम हो सकता है? उन्होंने कहा कि 75 जिलों में हड़ताल जारी है।
यह भी पढ़ें वेश्यावृत्ति के लिए हैवान पति ने किया प्रताड़ित, विरोध करने पर मुंडवा दिया पत्नी का सिर हड़ताल जारी रहेगी लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष चौधरी भीमसेन ने बताया कि लेखपाल दो वर्ष से संघर्षरत है। नियमानुसार कई बार वार्ता की गई। ज्ञापन दिया। काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध किया, ताकि सरकार पुनः एक बार विचार करे। जब सरकार ने नहीं सुनी तो धरना देने को विवश हुए। तीन जुलाई से पूर्ण हड़ताल पर हैं। इसे देखते हुए सरकार ने एस्मा लगा दिया। इसके बाद भी लेखपाल हड़ताल पर कायम हैं। सदर तहसील में प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक धरना जारी रहेगा। आगरी की छह तहसीलों में 280 लेखपाल हड़ताल पर हैं।