हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित करने पर लगाई रोक इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव के परिणाम पर रोक लगा दी है। मतलब मतदान तो होगा, लेकिन किसके पक्ष में कितने वोट पड़े, इसकी गिनती नहीं होगी। इसका सीधा सा मतलब यह है कि प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल अभी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। हाईकोर्ट के अगले आदेश तक सरकार भी कुछ नहीं कर सकती है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद अविश्वास प्रस्ताव अप्रत्यक्ष रूप से आगरा से सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल और इटावा से सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया की अहम की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा संगठन की भी इनके आगे नहीं चल पा रही है।
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वर्तमान में भाजपा के प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 51 में से 28 सदस्यों ने 21 जून को डीएम के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। डीएम ने परीक्षण के बाद इन प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए अगली बैठक की घोषणा कर दी। 12 जुलाई को जिला पंचायत सभागार में पूर्वाह्न 10.30 बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी। इसके बाद अध्यक्ष को बहुमत साबित करना होगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 26 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।
वर्तमान में भाजपा के प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 51 में से 28 सदस्यों ने 21 जून को डीएम के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। डीएम ने परीक्षण के बाद इन प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए अगली बैठक की घोषणा कर दी। 12 जुलाई को जिला पंचायत सभागार में पूर्वाह्न 10.30 बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी। इसके बाद अध्यक्ष को बहुमत साबित करना होगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 26 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।
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2017 में सपा से छीनी थी कुर्सी
विधानसभा 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भी तख्ता पलट हुआ। सपा की कुशल यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हुआ, जिसके बाद भाजपा के प्रबल प्रताप ने बहुमत सिद्ध करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा कर लिया था। जिला पंचायत अध्यक्ष का बमुश्किल डेढ़ साल कार्यकाल शेष है। सितंबर 2020 में इस चुनाव की घोषणा हो सकती है।
2017 में सपा से छीनी थी कुर्सी
विधानसभा 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर भी तख्ता पलट हुआ। सपा की कुशल यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हुआ, जिसके बाद भाजपा के प्रबल प्रताप ने बहुमत सिद्ध करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा कर लिया था। जिला पंचायत अध्यक्ष का बमुश्किल डेढ़ साल कार्यकाल शेष है। सितंबर 2020 में इस चुनाव की घोषणा हो सकती है।