अधूरा ज्ञान हो सकता है नुकसानदायक
एमजी रोड स्थित मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम में निःशुल्क स्पेशल पीसीओएस क्लीनिक आयोजित किया गया। इसमें टाॅक ईवेंट के जरिए महिलाओं को पीसीओएस की समस्या और इसके निदान पर जानकारी दी गई। साथ ही शिविर में आने वाली महिलाओं को रेनबो हाॅस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनप्रीत शर्मा ने गर्भावस्था में खान-पान पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। आम महिलाओं के साथ इस टाॅक में पीसीओएस विशेषज्ञ के रूप में डॉ. शैली गुप्ता ने बताया कि पाॅलिसिस्टिक ओवनरी डिजीज होने पर महिलाओं को चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर महिलाओं को ओवरी और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है साथ ही आगे चलकर कई रोग लगने लगते हैं। आज लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हैं। उचित ज्ञान ना होने व पूर्ण चिकित्सकीय जांच ना होने की वजह से महिलाएं इससे जूझ रही हैं। डॉ. मनप्रीत ने बताया कि यदि आप मां बनने वाली हैं तो यह जरूरी है कि आप अच्छा खाएं। इससे आपको अपने और अपने गर्भ में पल रहे शिशु के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि कई बार अधूरा ज्ञान नुकसानदेह साबित हो सकता है। आम तौर पर घरों में बुजुर्ग जबरन खाने पर जोर देते हैं, लेकिन यह भी गलत है। हमें आहार में उतना ही शामिल करना चाहिए, जितना हम ग्रहण कर सकते हैं।
एमजी रोड स्थित मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम में निःशुल्क स्पेशल पीसीओएस क्लीनिक आयोजित किया गया। इसमें टाॅक ईवेंट के जरिए महिलाओं को पीसीओएस की समस्या और इसके निदान पर जानकारी दी गई। साथ ही शिविर में आने वाली महिलाओं को रेनबो हाॅस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनप्रीत शर्मा ने गर्भावस्था में खान-पान पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। आम महिलाओं के साथ इस टाॅक में पीसीओएस विशेषज्ञ के रूप में डॉ. शैली गुप्ता ने बताया कि पाॅलिसिस्टिक ओवनरी डिजीज होने पर महिलाओं को चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर महिलाओं को ओवरी और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है साथ ही आगे चलकर कई रोग लगने लगते हैं। आज लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हैं। उचित ज्ञान ना होने व पूर्ण चिकित्सकीय जांच ना होने की वजह से महिलाएं इससे जूझ रही हैं। डॉ. मनप्रीत ने बताया कि यदि आप मां बनने वाली हैं तो यह जरूरी है कि आप अच्छा खाएं। इससे आपको अपने और अपने गर्भ में पल रहे शिशु के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि कई बार अधूरा ज्ञान नुकसानदेह साबित हो सकता है। आम तौर पर घरों में बुजुर्ग जबरन खाने पर जोर देते हैं, लेकिन यह भी गलत है। हमें आहार में उतना ही शामिल करना चाहिए, जितना हम ग्रहण कर सकते हैं।