कहानी नहीं ये है असलियत इस तरह की कहानियां आपने पर्दे पर कई बार देखी होंगी लेकिन आगरा मेंं बीते लगभग एक वर्ष से इस तरह के दृश्य हकीकत में देखने को मिल रहे हैं। जी हां, ऐसी ही कार्यशैली है आगरा के एसएसपी अमित पाठक की। अमित पाठक अपनी अलग तरह की कार्यशैली की वजह से लगातार सुर्खियों में हैं। कभी अल सुबह बाइक पर सवार होकर वह लालकिले या ताज महल पहुंचे और लपकों के खिलाफ कार्रवाई करवाई। कभी वह शराब के ठेके के बाहर पहुंच गए और सड़क पर जाम छलकाने वालों का नशा काफूर किया। कभी आम जनता की तरह अचानक शहर का ट्रैफिक सिस्टम देखने निकल पड़े। कभी अमित पाठक अकेले साइकिल पर सवार होकर ईंटों से लदे ओवरलोड ट्रैक्टरों की मंडी में पहुंच गए। संबंधित थाने की पुलिस बुलाकर कार्रवाई करवाई। कभी एसएसपी भीड़़ के बीच आम जनता की तरह अकेले सावन मेले की व्यवस्था का जायजा लेते हुए मंदिर पहुंचे।
लापरवाह पुलिसकर्मियों पर भी जमकर हुई कार्रवाई अमित पाठक की इसी कार्यशैली को अपराध कम करने की ईमानदार कोशिश के तौर पर तो देखा ही जा रहा है साथ ही पुलिसकर्मी भी ड्यूटी के प्रति पाबंद हुए हैं। बीते वर्ष 23 सितंबर को आगरा में कप्तान के तौर पर जॉइन करने के बाद अमित पाठक ने शहर की सबसे बड़ी समस्या, यातायात को सुधारने का काफी प्रयास किया। उनके हेलमेट अभियान की प्रदेश के डीजीपी ने भी सराहना की। इस दौरान उन्होंने कानून से खुद को बढ़ कर समझने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया तो खाकी पर दाग लगाने वालों के खिलाफ भी जमकर कार्रवाई की।
कौन हैं अमित पाठक वर्ष 2007 बैच के आईपीएस अॉफीसर हैं अमित पाठक। इससे पहले एसएसपी विशेष कार्य बल यानि एसटीएफ में तीन साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश किया है। इनमें सोशल मीडिया में सबसे बड़े 3700 करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनसे 650 करोड़ रुपए की बरामदगी की। इसे अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी माना गया है। अन्य चर्चित मामलों में बिजनौर में एनआइए अधिकारी तंजील अहमद और उनकी पत्नी की हत्या का पर्दाफाश किया। हत्यारोपी मुनीर को गिरफ्तार करके भेल भेजा। बिहार के चर्चित डॉक्टर दंपति अपहरण कांड के राजफाश में भी शामिल रहे। एसटीएफ टीम ने उनके नेतृत्व में डॉक्टर दंपति को सकुशल बरामद किया था। इससे पूर्व एसपी अलीगढ़, फतेहपुर, चंदौली, एटा, एसपी रेलवे गोरखपुर एवं 36 बटालियन पीएसी वाराणसी में रहे हैं।