scriptआगरा के लिए तो ‘भगीरथ’ हैं ये विधायक | Interview of BJP MLA yogendra upadhyay | Patrika News
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आगरा के लिए तो ‘भगीरथ’ हैं ये विधायक

विधायक ने गंगाजल प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित किया। इस कारण उन्हें लोग ‘आगरा का भगीरथ’ भी कहने लगे हैं। भगीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाए थे। विधायक के प्रयासों से गंगाजल आगरा आ रहा है। टोरंट पर लगाम लगाई। 

आगराJun 21, 2016 / 12:17 pm

Bhanu Pratap

yogendra upadhyay

yogendra upadhyay

आगरा। भारतीय जनता पार्टी के विधायक योगेन्द्र उपाध्याय यूं तो आगरा दक्षिण से विधायक हैं, लेकिन उन्हें चिन्ता पूरे आगरा की है। पूरे आगरा के लोग उनके यहां अपनी समस्याएं लेकर पहुंते हैं। सांसद स्तर तक के काम उनके पास लेकर आते हैं लोग। छात्र नेता के रूप में राजनीति करने वाले योगेन्द्र उपाध्याय दबंग विधायक हैं, लेकिन यह दबंगई किसी के उत्पीड़न के लिए नहीं, बल्कि सकारात्मक है। वे संभवतः एक मात्र ऐसे विधायक हैं, जो नित्य चुनाव प्रचार करते हैं। अपने क्षेत्र के सभी मोहल्लों में 10 से 50 बार जा चुके हैं। उन्हें शायद चुनाव के दौरान प्रचार की जरूरत ही नहीं पड़े। जो काम मंत्री और सांसद नहीं कर पाए, वे काम विधायक ने करवाए हैं। गंगाजल प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित किया। इस कारण उन्हें लोग ‘आगरा का भगीरथ’ भी कहने लगे हैं। भगीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाए थे। विधायक के प्रयासों से गंगाजल आगरा आ रहा है। टोरंट पर लगाम लगाई। वे पत्रिका कार्यालय आए और लंबी बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंशः

पत्रिकाः आप पहली बार विधायक बने। चार साल हो गए हैं। क्या कर पाए हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः यथाशक्ति क्षेत्र की समस्याओं को निपटाने की कोशिश की है। चार साल में इतने काम हो गए हैं कि क्षेत्र की जनता खुद करती है कि इतने काम तो पिछले 15 साल में भी नहीं हुए हैं। यद्यपि जितना विकास होना चाहिए था, समाजवादी शासन के कारण नहीं पाए हैं। मैं अभी संतुष्ट नहीं हूं।

पत्रिकाः आपने जनता से क्या वादे किए थे?
योगेन्द्र उपाध्यायः मैं पानी की समस्या को लेकर चुनाव में उतरा था। इसके लिए दो तरह की योजनाएं बनाईं- तात्कालिक और स्थाई। विशेषज्ञों से विचार किया। स्थाई समाधान के लिए आगरा में बैराज, चम्बल से पानी या पालड़ा झाल से गंगाजल लाने का प्रोजेक्ट। बैराज या चंबल का पानी केन्द्र औऱ राज्य सरकार तथा अन्य सरकारों के बीच का मसला है, इसमें वक्त लगेगा। इसलिए मैंने बुलंदशहर से गंगाजल लाने के प्रोजेक्ट को नई जान दी। मैंने नगर विकास मंत्री जुलाई 2012 में प्रतिवेदन देकर तीनों योजनाओं के बारे में बताया तथा पालडा झाड़ से गंगाजल लाने पर जोर दिया। सरकार ने 2013 के बजट में गंगाजल प्रोजेक्ट के लिए 2800 करोड़ रुपये मंजूर किए। इतने बड़े प्रोजेक्ट को कोई जनप्रतिनिधि पहली बार लेकर आय़ा। आशा है कि 2017 तक गंगाजल आगरा आ जाएगा।

पत्रिकाः मान लो गंगाजल आ गया, लेकिन लोगों तक कैसे पहुंचेगा?
योगेन्द्र उपाध्यायः इसका वितरण कैसे हो, इसके लिए मैंने नगर विकास मंत्री और मुख्यमंत्री से आगरा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लिए चार ओवरहेड टैंक मांगे। दो पर सहमित प्रकट की गई। जलनिगम को एस्टीमेट बनाने के लिए पत्र आ चुका है। इनसे क्षेत्र के 60 फीसदी एरिया में पानी की सप्लाई हो जाएगी। बाकी 40 फीसदी क्षेत्र के लिए और बात कर रहा हूं।

पत्रिकाः पेयजल समस्या के तात्कालिक उपाय क्या किए हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः तात्कालिक उपाय के रूप में 250 सबमसिर्लस और 200 हैंडपंप लगवाए हैं। इस तरह हर चौथे या पांचवें दिन पानी का स्रोत जनता को उपलब्ध कराया है। इससे क्षेत्र की जनता को बड़ी राहत है।

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पत्रिकाः आपने 2012 के चुनाव के समय वादा किया था कि भाजपा सरकार बनी तो टोरंट को जाना होगा, अन्यथा उत्पीड़न बंद कराएंगे। अब क्या स्थिति है?
योगेन्द्र उपाध्यायः  टोरंट पावर द्वारा पहले दो किलोवाट से कम का नया कनेक्शन नहीं दिया जाता था, चाहे जितना छोटा घर हो। मैंने एक किलोवाट के कनेक्शन के लिए बाध्य किया। 
तार कटा हुआ देखा गया तो टोरंट चोर ठहराता था। मैंने कहा कि जब तक कोई प्रूफ न हो, कटिया लगाने का, तब तक ये चोर नहीं है। कहने लगे कि रात में चोरी करते हैं, मैंने कहा कि रात में जाकर चेक करो।
घरों में घुसकर सभी उपकरणों को देखकर किलोवाट निकालते थे। मैंने कहा कि मीटर जितना बताएगा, उतना ही चार्ज करेंगे।
अगर मीटर अचानक जम्प लेता था, तो उसे उतने किलोवाट का कंजूमर मान लेते थे। मैंने कहा कि अगर तीन माह तक लगातार यह हो, तब माना जाएगा, अन्यथा नहीं।

पत्रिकाः आगरा दक्षिण क्षेत्र में अब क्या समस्या रह गई है?
योगेन्द्र उपाध्यायः क्षेत्र की मुख्य समस्या जलवितरण की रह गई है। जल संस्थान का पानी ओवरहेड टैंक तक आए। इस पानी को पाइप लाइन के जरिए घरों तक पहुंचाना है। ये भी कर देंगे।

पत्रिकाः विधानसभा चुनाव में एक साल बचा है। अब क्या करने वाले हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः पानी के संकल्प को पूरा करना है। अधूरी सड़कें रह गई हैं, वे बनवानी हैं। ये सब काम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के झूठेपन के कारण रह गए हैं। विधानसभा में जो वादा किया था, वह पूरा कर दिया होता तो कोई समस्या नहीं रहती।

पत्रिकाः आमतौर पर विधायक चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में भ्रमण नहीं करते हैं। आपका क्या कहना है? 
योगेन्द्र उपाध्यायः जनता से सतत संपर्क, सतत संघर्ष, सतत समाधान, ये तीन सूत्र हैं मेरे कम के। जब भी आगरा में होता हूं, सुबह 7.30 बजे क्षेत्र में तीन घंटे तक गली, कॉलोनी में जाता हूं। मौके पर समस्या निपटाता हूं। चिट्ठी लिखता हूं। मैं अफसरों से बात करके काम निपटाता हूं। चार साल में एक भी मोहल्ला ऐसा नहीं है जहां 10 से 50 बार न जा चुका हूं। जनता खुद कहती है कि इतना तो पार्षद भी नहीं नहीं आता, जितना मैं जाता हूं। सतत संघर्ष के तहत जनता की समस्या को लेकर शासन प्रशासन पर किसी भी तरह दबाव बनाता हूं। सतत समाधान के तहत जूझ रहा हूं क्योंकि सपा का शासन अड़चन डालता है।

पत्रिकाः अगर आप जनता के बीच ज्यादा जाएंगे तो आपकी लोकप्रियता कम हो जाएगी?
योगेन्द्र उपाध्यायः ऐसा नहीं है। जनता के बीच प्रतिदिन जाने से लोग शक्ल से जानने लगते हैं। लोग सड़क पर रोक लेते हैं, मेरा काम कराइए। अपनापन आता है। लोकप्रियता बढ़ती है।

पत्रिकाः अपने घर वालों को कितना समय दे पाते हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः परिवार को समय नहीं दे पाता हूं। परिवार का हक छिन रहा है लेकिन जनता की सेवा करना धर्म है और इसमें परिवार के कर्तव्य पीछ रह जाते हैं। 

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पत्रिकाः पत्नी से झगड़ा होता है क्या समय को लेकर?
योगेन्द्र उपाध्यायः उनका सहयोग नहीं होता तो शायद ये मुकाम नहीं छू पाता। उनका हक मारकर जनता के बीच जा रहा हूं। पर्दे के पीछे पत्नी का त्याग है। उनका सदैव आभारी हूं।

पत्रिकाः जनता में यह धारणा है कि विधायक, विधायक निधि को खा जाते हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः जनता आरटीआई से मेरे काम के बारे में जानकारी मांग सकती है। एक भी काम ऐसा नहीं है, जो जनता की गली से हटकर हुआ हो। काम की गुणवत्ता बोल रही है। कोई नहीं कह सकता है कि मेरा विधायक पैसे खा गया। लोग कह रहे हैं कि इतना काम किसी विधायक का नहीं दिखता है।

पत्रिकाः जनता किस तरह के काम लेकर आती है। 
योगेन्द्र उपाध्यायः बिजली, पानी, सड़क और टोरंट के उत्पीड़न की समस्या लेकर आते हैं।

पत्रिकाः 2017 में भाजपा सरकार बनती है तो क्या टोरंट को तड़ीपार करवाएंगे?
योगेन्द्र उपाध्यायः टोरंट ने पांव जमा लिए हैं। चार साल पहले उखाड़ सकते थे। हां, इतना तय है कि आगरा के किसी भी व्यक्ति का टोरंट उत्पीड़न नहीं कर पाएगी। उत्पीड़न के सारे रस्ते बंद हो गए हैं।

पत्रिकाः भाजपा नेता प्रमोद गुप्ता का कहना है कि जनप्रतिनिधयों ने टोरंट से पांच-पांच लाख रुपये लिए थे?
योगेन्द्र उपाध्यायः प्रमोद गुप्ता का इशारा सपा औऱ बसपा की ओर था। मैं अपनी बात कह सकता हूं पूरी धमक के साथ। राजनीति में न तो एक पैसा लिया, न दिया और न दिलवाया। मैं राजनीति करता हूं, दलाली नहीं। कोई सिद्ध कर दे कि किसी का काम कराने के बदले रिश्वत में चाय भी पी है, तो राजनीति छोड़ दूंगा। टोरंट की तो औकात ही क्या है, कोई थैलीशाह पैदा नहीं हुआ, जो योगेन्द्र उपाध्याय की बोली लगा सके और किसी टकसाल में ऐसा सिक्का बना नहीं जो मेरी कीमत अदा कर सके।

पत्रिकाः आगरा दक्षिण से टिकट के लिए भाजपा में कई दावेदार पैदा हो गए हैं। क्या आप सुरक्षित हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः भाजपा में लोकतंत्र है। टिकट मांगने का सबको अधिकार है। टिकट एक को मिलाता है और बाकी सब उसके लिए काम करते हैं। 

पत्रिकाः आपके काम में आरएसएस का हस्तक्षेप कितना रहता है?
योगेन्द्र उपाध्यायः संघ वाले सहयोग करते हैं, दुरुपयोग नहीं करते हैं। वे बताते हैं कि कहां पर किस काम की जरूरत है। 

पत्रिकाः समस्याओं से सर्वाधिक कौन पीड़ित है? 
योगेन्द्र उपाध्यायः जल समस्या से महिलाएं पीड़ित हैं। बड़ी दूर से पानी लेने जाना पड़ता है। मैं अपनी कार से जाता हूं, देखता हूं और पानी की व्यवस्था करता हूं। भीषण गर्मी में क्षेत्र की जनता कह रही है कि सबमर्सिबल से बड़ी राहत है। पुरुष टोरंट और सड़क से परेशान हैं।

पत्रिकाः क्या मेयर ने पानी के लिए कुछ नहीं किया?
योगेन्द्र उपाध्यायः मेयर इन्द्रजीत आर्य ने कुछ नहीं किया चार साल में। अपने वाल्मीकि समाज, अपनी पार्टी भाजपा और आगरा की जनता के साथ धोखा किया है। अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए भाजपा को छोड़कर सपा की गोद में बैठ गए।

पत्रिकाः आगरा दक्षिण के लिए सांसद का कोई योगदान है या नहीं?
योगेन्द्र उपाध्यायः हमारे लोकप्रिय सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया सांसद निधि से काम करते हैं। केन्द्रीय स्तर की समस्याएं दूर करते हैं। गधापाड़ा में खाली पड़ी भूमि पर केन्द्रीय विद्यालय बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे जनता को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। 

पत्रिकाः क्या पीएम मोदी के नाम से कोई फायदा मिलता है?
योगेन्द्र उपाध्यायः प्रधानमंत्री मोदी के नाम में ही चमत्कार है। मोदी की योजनाएं जनता के लिए वरदान हैं। उज्ज्वला योजना, बीमा सुरक्षा योजना, अटल पेंशन योजना, मुद्रा योजना आदि का लाभ जनता को मिल रहा है। इससे जनता हमारे साथ जुड़ रही है।

पत्रिकाः जनता से कुछ कहना चाहते हैं क्या?
योगेन्द्र उपाध्यायः जनता बिजली, पानी, सड़क की समस्या से पीड़ित है। इनके लिए जब भी आंदोलन करते हैं, तो आधा प्रतिशत जनता भी सड़क पर नहीं आती है। जनता हमारे साथ सड़क पर आए, हर समस्या का समाधान होकर रहेगा। लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है।

पत्रिकाः अंतिम सवाल, आप यूपी का मुख्यमंत्री किसे बनवाना चाहते हैं?
योगेन्द्र उपाध्यायः पार्टी तय करती है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। भाजपा के कुशल नेतृत्व पर हम सबको विश्वास है। जिसका नाम भी तय होगा, उसके लिए तन मन धन से काम करेंगे।

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