बता दें, पुलिस भर्ती परीक्षा से एक दिन पहले शुक्रवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और हरीपर्वत पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक अलीगढ़ और दूसरा भरतपुर का रहने वाला है। पुलिस और एसटीएफ (UP STF) ने इनसे अभ्यर्थी बनकर संपर्क किया था। ठग 10-10 लाख रुपये में पास कराने का ठेका ले रहे थे। जांच में पता चला है कि उनकी कहीं कोई जुगाड़ नहीं थी, उनका उद्देश्य अभ्यर्थियों को उल्लू बनाकर रकम बनाना था। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम करतार सिंह निवासी उद्योग नगर, (भरतपुर) हाल निवासी कृष्णा धाम कालोनी बिचपुरी और टिंकू कुमार निवासी नगला परता, इगलास (अलीगढ़) बताया। डीसीपी सूरज कुमार राय ने बताया कि पुलिस और एसटीएफ को खबर मिली थी कि अभ्यर्थियों को फोन करके जाल में फंसाया जा रहा है।
सूचना के बाद एसटीएफ आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा, इंस्पेक्टर हरीपर्वत आलोक कुमार को सक्रिय किया गया। उन्होंने अभ्यर्थियों से नंबर लेकर ठगों से खुद अभ्यर्थी बनकर संपर्क किया। ठग इस जाल में फंस गए और शुक्रवार दोपहर पुलिस ने दीवानी चौराहे के पास बुलाकर कार में बैठे दो ठगों को दबोच लिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनकी कोई जुगाड़ नहीं है। परीक्षा से पहले वह ठगी के लिए यह तरीका अपनाते थे। वह अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाते थे। उनसे 10 लाख रुपए में परीक्षा पास (Pass UP Police Exam in 10 Lakh) कराने का ठेका लेते थे। बतौर बुकिंग पेशगी में 25 हजार रुपए लेते थे। अभ्यर्थी के मूल प्रमाण पत्र अपने पास लेकर रख लेते थे। इनमें से 3-4 अभ्यर्थी खुद ही पास हो जाते, इनसे वह 10 लाख रुपए वसूल लेते। असफल होने वाले अभ्यर्थी की रकम नहीं लौटाते थे। मूल प्रमाण पत्र पास होने के चलते अभ्यर्थी शिकायत करने नहीं जाते थे।
अभी तक प्रदेशभर से 19 सॉल्वर दबोचे कांस्टेबल के 60244 पदों पर भर्ती के लिए शनिवार व रविवार को दो-दो पालियों में होने वाली लिखित परीक्षा के लिए पुलिस तैयार है। परीक्षा में नकल रोकने को एसटीएफ ने भी मोर्चा संभाल लिया है। व्यापक अभियान के तहत सॉल्वर गैंग के 19 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। गाजीपुर से आठ, वाराणसी व झांसी से चार और मऊ से पांच सॉल्वरों को गिरफ्तार किया। गाजीपुर के गैंग में एक इंडियन कोस्ट गार्ड, सैन्य जवान शामिल है।
*आगरा से प्रमोद कुशवाह की रिपोर्ट*