आगरा

आगरा के सैकड़ो घरों में आई दरारें, अपने ही घरों से बाहर रहने को मजबूर हुए लोग

उत्तर प्रदेश के आगरा में सैकड़ों घरो में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इन दरारों के कारण लोग अपने ही घरों में रहने से कतराने लगे हैं। इन दरारों के लिए लोग मेट्रो परियोजना के तहत बन रहे अंडरग्राउंड टनल को ठहरा रहे हैं। आइए आपको समझाते हैं क्या है पूरा माजरा।

आगराNov 28, 2024 / 06:29 pm

Prateek Pandey

आगरा में मेट्रो परियोजना के तहत अंडरग्राउंड टनल बनाने के लिए खुदाई का कार्य जारी है। इस निर्माण के कारण मोती कटरा इलाके के घरों में गंभीर क्षति हो रही है। भारी-भरकम मशीनों के कंपन और धमक से लगभग 1700 मकानों में दरारें आ गई हैं। इससे लोग डरे हुए हैं। इलाके के कई मकान इतने क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कि उन्हें खाली कराने की नौबत आ गई है और कुछ मकान तो जैक के सहारे टिके हुए हैं। 

146 मकानों के निवासियों को छोड़ना पड़ा है घर

सबसे ज्यादा प्रभावित 146 मकानों के निवासियों को अपने घर छोड़कर किराए के मकानों में शरण लेनी पड़ी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी मेट्रो की टनल बनाने वाली मशीनें काम करती हैं तो पूरा इलाका हिलता है और मकानों में नई दरारें पड़ने लगती हैं। पिछले साल जुलाई-अगस्त में कुछ घरों में दरारें दिखनी शुरू हुईं और धीरे-धीरे यह समस्या बढ़कर तकरीबन 1700 घरों तक पहुंच गई है। स्थिति अब इतनी खराब हो गई है कि बारिश का पानी भी इन दरारों से होकर घरों में घुसने लगा है।
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शिकायतों पर क्या कहते हैं जिला मजिस्ट्रेट

मोती कटरा इलाके के निवासी नगर निगम, मेट्रो प्रशासन और जिला प्रशासन से बार-बार अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। आगरा नगर निगम ने इस समस्या को देखते हुए कई मकान मालिकों को नोटिस जारी किया है कि जब तक यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, वे अपने घर खाली कर दें। जिला मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया है कि मेट्रो कॉरपोरेशन मकानों में आई दरारों की मरम्मत कराएगा और प्रभावित घरों के मालिकों को उचित मुआवजा मिलेगा। 

आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ करेंगे सर्वे

मेट्रो के अधिकारियों ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो आईआईटी रुड़की से विशेषज्ञों की टीम बुलाकर मकानों का विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया है कि जिन मकानों में दरारें आई हैं, उनकी मरम्मत जल्द से जल्द की जाएगी। 
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इस इलाके में निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था लेकिन इसके गंभीर परिणाम अब साफ तौर पर दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कंपन के कारण मकानों में रोज नई दरारें पड़ रही हैं जिससे उनका रहना मुश्किल हो गया है। कई परिवारों को मजबूरन किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है, जिससे उनका आर्थिक बोझ बढ़ गया है। 

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