बढ़ गई आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी
आगरा के संदर्भ में विरासत भविष्य विषय पर दिल्ली की एश्वर्या टिपनिस ने कहा कि अब एक आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उसे ऐसे डिजायन बनाने है कि शहर की मूल विरासत भी कायम रहे और वास्तु की नई तकनीकों का भी बेहतरीन इस्तेमाल हो जाए। वास्तुविद नई तकनीक, वास्तु सर्जना का समन्वय इस भांति करें कि आगरा, आगरा ही लगे नाकि मथुरा या अन्य शहर।
आगरा के संदर्भ में विरासत भविष्य विषय पर दिल्ली की एश्वर्या टिपनिस ने कहा कि अब एक आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उसे ऐसे डिजायन बनाने है कि शहर की मूल विरासत भी कायम रहे और वास्तु की नई तकनीकों का भी बेहतरीन इस्तेमाल हो जाए। वास्तुविद नई तकनीक, वास्तु सर्जना का समन्वय इस भांति करें कि आगरा, आगरा ही लगे नाकि मथुरा या अन्य शहर।
ये रहे मौजूद
स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्थाध्यक्ष समीर गुप्ता विभव ने दिया। इस अवसर पर आर्किटेक्ट प्रियालीन सिंह, प्रो. एससी हांडा, अनुज मेहता व राजीव भक्त ने भी विचार प्रस्तुत किए। इस दौरान प्रदर्शनी देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। कार्यक्रम में जेएस फौजदार, सुमित विभव, वीपी शर्मा, अजय शर्मा, येशवीर सिंह, सिद्धार्थ शर्मा, अमित जुनेजा, सुनील चतुर्वेदी, अवन्तिका शर्मा, रोहित खंडेलवाल, चंदन पोद्दार, राहुल गुप्ता, अनुभव दीक्षित, अमित बघेल, रामवीर, राजेश व मीडिया समन्वयक कुमार ललित मौजूद रहे।