नाम जपें, बांट के खाएं इस अवसर पर विशेष रूप से श्री अकाल तख्त साहिब से सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने संगत के दर्शन किए। संगत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी कि 550 वर्ष प्रकाश पर्व मनाने का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब हम उनके बताए हुए रास्ते पर चलें, उनकी शिक्षा पर अमल करें। नाम जपें, बांट के खाएं, कीरत करें। जालंधर से पधारे भाई हरजोत सिंह जख्मी ने कहा- आए से परवान। अर्थात जो जीवात्मा इस दुनिया में आकर परमपिता परमात्मा की भक्ति में लीन हो जाते है, उसका जीवन सफल हो जाता है।
गुरु नानक ने सभी वर्गों को साझा उपदेश दिया सोहाना से पधारे ज्ञानी हरविंदर सिंह ने साहिब श्री गुरु नानक देव महाराज के बारे में बताते हुए बताया कि जब उन्होंने कलयुग में अवतार लिया तब इस धरती पर अधर्म कर्म काण्ड का बहुत ज्यादा फैलाव था। गुरु नानक साहिब महाराज जी ने सभी धर्म वर्ग के लोगों को खत्री, ब्राह्मण,शूद्र, वैश्य चारों वर्णों के लोगों को साझा उपदेश दिया।
तू दाता दातार तेरा दित्ता खावना गुरुद्वारा बंगला साहिब से पधारे भाई प्रेम सिंह बंधु हजूरी रागी ने तू दाता दातार तेरा दित्ता खावना का गायन करते हुए कहा कि संसार में जीवन जंतु से लेकर इंसानों तक सभी उस परमपिता परमात्मा का दिया हुआ है। इससे पूर्व भाई जगतार सिंह एवं भाई कुलदीप सिंह कोमल हजूरी रागी ने गुरु ग्रंथ साहिब से गुरबाणी का गायन कर संगत का मन मोह लिया। भाई मनमोहन सिंह निमाना एवं भाई रत्न सिंह ने गुरु नानक देव जी की साखी सुनाई। संचालन बंगला साहिब गुरुद्वारे से पधारे ज्ञानी अंग्रेज सिंह ने किया।
तीन अक्टूबर को गुरुद्वारा मंजी साहिब में अमृत संचार समागम में संत बाबा प्रीतम सिंह, कंवलदीप सिंह, बाबा जसवंत सिंह, मास्टर गुरनाम सिंह, बंटी ग्रोवर, जत्थेदार पाल सिंह, सतनाम सिंह, राजेन्द्र सिंह इन्दोरिया, अमर सिंह, अमरीक सिंह, बाबा किशन सिंह, ज्ञानी केवल सिंह, टीटू सिंह, हरनाम सिंह, सतवीर सिंह, हरबंस सिंह, महंत हरपाल सिंह, जोगा सिंह, गुरमीत सिंह सेठी, पाली सेठी, गुरमीत गिल, वीरेंद्र सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह एवं समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि तीसरे दिन सवेरे 9 बजे गुरुद्वारा मंजी साहिब में अमृत संचार का कार्यक्रम होगा।समागम हाल में सवेरे 10 बजे से 2 बजे तक कीर्तन कथा का दरबार होगा।