वर्ष 1648 में ताजमहल का निर्माण पूरा हुआ था। तब से लेकर आज तक यहां सुदूर देशों से प्रतिवर्ष लाखों सैलानी स्मारक का दीदार करने आते हैं। उसके बावजूद यहां पर्यटकों की तबीयत खराब होने की स्थिति में स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं नहीं हो पाईं। इलाज के लिए निजी अस्पतालों या जिला अस्पताल की ओर दौड़ लगानी पड़ती है। अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर पहल की तो बात नतीजे तक आ पहुंची है। एएसआई ने उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अपने तीन कक्षों को देने की सहमति दी है। स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से तैयार है। यहां ताजगंज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शिफ्ट करने की तैयारी कर ली गई है।
9 माह पहले हो गई थी पर्यटक की मौत
नौ माह पूर्व सीकरी में फ्रांस की पर्यटक की हो गई थी मौत पिछले साल 21 सितंबर 2023 को फ्रांस की महिला पर्यटक एस्मा (60) ग्रुप के साथ फतेहपुरसीकरी का दीदार करने गई थी। वह यहां के टर्की सुल्ताना स्मारक पर रेलिंग के सहारे खड़ी थी। रेलिंग कमजोर होने के कारण महिला पर्यटक का वजन झेल नहीं पाई और रेलिंग समेत वह नीचे गिर गईं। एक घंटे तक उन्हें इलाज नहीं मिला। बाद में एंबूलेंस के आने पर उन्हें एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी ले जाया गया। वहां से सिकंदरा स्थित एक निजी अस्पताल रेफर किया गया। वहां पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इस घटना से स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल गई थी। बाद में ताज सहित अन्य स्मारकों पर स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करने की मशक्कत हुई थी।केंद्र खुलने के बाद ये मिलेंगी सुविधाएं
● बंदर, कुत्ता, सांप, बिच्छू के काटने पर पर्यटक को वैक्सीन लगाने की व्यवस्था रहेगी। ● गंभीर मरीज को भर्ती किए जाने का भी इंतजाम होगा ● एक कक्ष में तीन बेड भी डाले जाएंगे। ● ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) भी रहेगा। यहां पर्यटक अपना डाक्टर को दिखाकर दवा ले सकेगा। ● प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला चिकित्सक भी रहेगी।