ये भी पढ़ें: बेरोजगारों के लिए बड़ी खबर, अब हर साल होगी 12000 होमगार्डों की भर्ती, साथ ही मिलेंगी ये सुविधाएं फेसबुक से मिले और साथ रहने का फैसला किया बता दें, खाद्य सुरक्षा विभाग से सेवानिवृत्त माता प्रसाद सैंथिया ने आठ महीने पहले फेसबुक पर देवास (मध्य प्रदेश) में सेवा कार्य की पोस्ट की थी। उनकी इस पोस्ट को मुंबई की अंधेरी निवासी पूर्व प्राचार्या भावेश्वरी ने पसंद किया और साथ में रहने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद भावेश्वरी बच्चों का टूर लेकर उज्जैन आईं और वहां पांच मिनट की मुलाकात के बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला किया। इसके बाद दोनों ने अपने-अपने परिवार की सहमति ली और 22 अप्रैल को मुंबई के एक मंदिर में शादी कर के हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए।
अब तक बेटी की भरोसे जी रहीं थी भावेश्वरी पूर्व प्राचार्या भावेश्वरी ने बताया कि पति की मौत के बाद 22 साल की बेटी पूजा के भरोसे जी रही थीं। परिवार में तीन भाई और एक बहन हैं। दो भाई विदेश में हैं, जबकि एक भाई का परिवार डॉक्टर है। बेटी एक कंपनी में एचआर थी। शादी के दो माह पहले पक्षाघात से उसकी मौत ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया। लेकिन माता प्रसाद सैंथिया की फेसबुक पोस्ट और मुलाकात से भावेश्वरी को अपने जीवन में उम्मीद की नई किरण दिखी है। वह अभी तक अंधेरी मुंबई में 10 साल से एनजीओ से जुड़कर समाजसेवा कर रही थीं। अब माता प्रसाद की जीवन संगिनी बनकर उनके सेवा कार्यों में भागीदार बनी हैं।
ये भी पढ़ें: ED से पूछताछ के बाद भड़के अफजल अंसारी, कहा- पूर्वांचल में BJP को पंक्चर कर दिया इसलिए अब ले रही बदला समाजसेवा का कार्य करेंगे साथ मिलकर उधर, शादी के बाद अब गांव फरैरा आए दंपती ने सेवा कार्य के लिए वृद्धाश्रम का निर्माण शुरू कराया है। उन्होंने बताया कि निराश्रित, जरूरतमंदों की सेवा में जीवन की यह दूसरी पारी पूरी करेंगे। वहीं पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद सैंथिया ने बताया कि सेवानिवृत्त होने और पत्नी को खो देने से उनकी जिंदगी में खालीपन आ गया था। लेकिन भावेश्वरी से मुलाकात और शादी से सेवा कार्य का उनका संकल्प और मजबूत हुआ है।