पिछले साल ही दो जनवरी की रात को आगरा दिल्ली हाइवे पर लखनऊ एक्सप्रेसवे जैसा हादसा हुआ था। पुलिस को 100 मीटर दूर तक शव के टुकड़े मिले। सड़क से हड्डियां चिपक गयी थीं। मथुरा-आगरा हाईवे पर रुनकता में कीठम झील के सामने नव वर्ष के पहले दिन अज्ञात वाहन की चपेट में आकर राहगीर की मौत हो गई थी। मथुरा से आगरा आने वाले हाईवे पर उसका शव पड़ा रहा। छोटे-बड़े वाहन रात भर शव को रौंदते रहे थे। जनवरी 2022 में सिकंदरा हाईवे पर हुआ था।
हादसा सिकंदरा हाईवे पर कीठम मोड़ के पास दो जनवरी 2022 की रात को इसी तरह दिल झकझोरने वाला हादसा हुआ था। युवक के शव को रात भर वाहन रौंदते रहे थे। उसकी हड्डियां सड़क़ पर चिपक गई थीं। शव से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान भिंड के रहने वाले युवक के रूप में हुई थी। स्वजन ने युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
थाना फतेहाबाद क्षेत्र में कोहरे की रात में लखनऊ एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार वाहन शव को रौंदते रहे। सुबह जब उजाला हुआ तो शव के चिथड़े हो चुके थे। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के लिए पुलिस पिकेट तैनात रहती है। पीआरवी और यूपीडा की गाड़ियां नियमित अंतराल पर दौड़ती रहती हैं। इसके बावजूद रौंदे जा रहे शव के बारे में पीआरवी और यूपीडा दोनों को पता नहीं चला। यानी 24 घंटे एक्सप्रेसवे पर गश्त का दावा करने वाली पुलिस और यूपीडा की टीम सोती रही।
राहगीरों की सूचना पर पुलिस पहुंची, लेकिन तब तक शिनाख्त के लायक कुछ नहीं बचा था। अब मरने वाले को विक्षिप्त युवक बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह 11 बजे एक्सप्रेसवे से गुजरते वाहन चालकों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी कि फतेहाबाद क्षेत्र में आगरा की तरफ 19वें किलोमीटर के पास एक शव पड़ा है। उसे वाहन रौंदते हुए निकल रहे हैं। पुलिस पहुंची तो शव के चिथड़े 10 मीटर के दायरे में बिखरे हुए थे। माना जा रहा है कि देर रात किसी अज्ञात वाहन ने युवक को रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इसके बाद सुबह तक दर्जनों वाहन शव को रौंदते हुए निकल गए। पुलिस के शव के टुकड़ों को समेटकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जहां शव मिला वो क्षेत्र थाना फतेहाबाद क्षेत्र में आता है लेकिन पुलिस की गश्ती जीप को सड़क पर पड़ा शव नजर नहीं आया। रात भर शव को बड़े वाहन रौंदते रहे। इस मामले में यूपीडा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरएन सिंह ने बताया कि रविवार रात को काफी कोहरा था। घना कोहरा होने के कारण सड़क पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। जबकि यूपीडा की पेट्रोलिंग गाड़ियां लगातार गश्त करती हैं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस अति व्यस्त मार्ग है। पूरे दिन में करीब बीस हजार वाहन इस मार्ग से निकलते हैं। आगरा सीमा में तीन पुलिस थाने बमरौली कटारा, डौकी और निबोहरा से लखनऊ एक्सप्रेसवे गुजरता है। यूपीडा की पेट्रोलिंग गाड़ियां भी गश्त करती हैं। सवाल उठता है कि आखिर सड़क पर पड़ा शव किसी को भी दिखाई क्यों नहीं दिया। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यूपीडा की छह गाड़ियां पेट्रोलिंग करती हैं।
प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह ने बताया कि टोल के आसपास पूछताछ में जानकारी करने पर पता चला कि 40 वर्ष का एक विक्षिप्त युवक घूमता था। ग्रामीण उसे खाने को देते थे। रात में सड़क पार करते समय किसी वाहन की चपेट में आ गया। मरने वाले के बारे में जानकारी करने का प्रयास किया जा रहा है।
एसीपी फतेहाबाद गिरीश कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह थाना फतेहाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 19 पर 40 वर्षीय अज्ञात युवक का शव मिलने की सूचना मिली थी। घटना की सूचना मिलती ही मौके पर थाना फतेहाबाद प्रभारी देवेंद्र सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को शव क्षत-विक्षित अवस्था में मिला।
आगरा से प्रमोद कुशवाहा की रिपोर्ट