पुलिस ने बताया कि विजय गोयल फरवरी में रिहा हुआ था। उसने जेल से बाहर आते ही फिर से फैक्टरी बना ली। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से मशीनरी व कच्चा माल लेकर दवाएं तैयार करते थे।
किराये पर था गोदाम
एएनटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी विजय गोयल ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में 4 महीने पहले 30 हजार रुपये मासिक किराये पर गोदाम लिया। दवाओं की सप्लाई दूसरे राज्यों में हो रही थी। खरीदार रकम का भुगतान हवाला के माध्यम से कर रहे थे। जांच में विजय गोयल की एक और फैक्टरी का पता चला। इसके बाद छापा मारा गया। बड़े स्तर पर मशीनरी लगाकर दवाएं तैयार कराई जा रही थीं।4 राज्यों से मंगाते थे कच्चा माल
एएनटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि नकली दवा की फैक्टरी के लिए मशीनरी और कच्चा माल भी अलग-अलग 4 राज्यों से लाया जाता था। इनमें उत्तर प्रदेश के कई जिलों और दिल्ली से मशीन मंगाता था। वहीं हिमाचल और हरियाणा से कच्चा माल आता था। इसकी बिलिंग भी नहीं होती थी।ये किए गए गिरफ्तार
शंकरपुरी, केदार नगर निवासी नरेंद्र शर्मा, आईकान सिटी, मघटई निवासी विजय गोयल, बालाजी पुरम, अलबतिया निवासी अमित पाठक, उलसपुरा, तेहरा, सैंया निवासी अशोक कमार, भोला कुशवाहा, शिव कुमार कुशवाहा, जितेंद्र कुशवाहा, आलोक कुशवाहा, रविकांत और जाजऊ के लोकेंद्र कुशवाहा हैं।यह सामान किया बरामद
पुलिस ने फैक्टरी से 16 मशीनें वरामद कीं। इनकी कीमत तकरीबन 3.50 करोड़ रुपये है। इनमें मल्टीमिल, शिफ्टर, मास मिक्चर मशीन, ट्रे ड्रायर, बिलिस्टर पैकेज मशीन, कार्टून मशीन, मैन्युअल कैप्सूल फिलिंग मशीन आदि हैं। फैक्टरी से 4.50 करोड़ रुपये की नशे और नकली दवाएं बरामद की गई। इनमें अल्प्रासेफ टेबलेट 1224000, मोंटेयर एफएक्स टेबलेट 69150, प्रोक्सीवेल एसपीएएस कैप्सूल 657600, अल्जोसेल टेबलेट 613200, अल्प्राजोलम, अल्प्रासेफ लूज 500 किलोग्राम, प्रोक्सीवेल लूज 163 किलो, व ट्रामाडोल, ओरेंज कलर पाउडर 75 किलो, सफेद पाउडर 55 किलो, रिक्त नीले कैप्सूल 223 किलो आदि । यह भी पढ़ें