आगरा

‘बांगलादेश के हिंदू परिवारों को देनी चाहिए शरण’, देवकी नंदन ठाकुर की सरकार से मांग

Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि उनका ट्रस्ट 1000 लोगों को आजीवन गोद लेने के लिए तैयार है। साथ ही, उन्होंने सनातन बोर्ड के गठन की मांग की है।

आगराDec 10, 2024 / 11:51 am

Sanjana Singh

Devkinandan Thakur

Agra: आगरा में हो रहे भागवत कथा में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने बांग्लादेश का जिक्र किया। उन्होंने बांग्लादेश में बेटी के साथ दरिंदगी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से बांग्लादेश में बसे हिंदुओं को बचाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर उन्हें देश में आने की सरकार छूट दे देश में बैठे बांग्लादेशियों को बाहर निकाले ।

‘ट्रस्ट 1000 लोगों को आजीवन गोद लेने के लिए तैयार’

दरअसल, बजरंग आश्रम चौरंगा बीहड़ में कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, “कश्मीर और पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। वहां के हिंदू को यहां आने दें। उनका ट्रस्ट 1000 लोगों को आजीवन गोद लेने के लिए तैयार है। बांग्लादेश में अत्याचार के मामले में सनातनी भीष्म की तरह मौन न रहें।” 

कथावाचक ने की सनातन बोर्ड के गठन की मांग

कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि संविधान को बचाने की दुहाई देने वाले नेता क्या टूटे मंदिरों को बनवाएंगे? उन्होंने सांकेतिक भाषा में कृष्ण जन्म भूमि का मुद्दा उठाया और कहा कि बहन, बेटियों को बचाने, धर्म को बचाने के लिए सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए।
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‘बच्चों को कुसंग से बचाएं, दें संस्कार’

देवकी नंदन ठाकुर ने भागवत कथा के दौरान कहा, “बच्चों को कुसंग से बचाइए। बचपन में काम, क्रोध, ईर्ष्या नहीं होती। इसलिए उन्हें कथा में लाइए। रोजाना सूरज को जल चढ़वाएं जिससे सनातनी बन सकें। बच्चे कृष्ण जानें इससे न केवल उनका चरित्र निर्माण होगा, बल्कि वे ईश्वर के प्रति आस्था और संस्कारों से जुड़ सकेंगे।”
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‘औरंगजेब ने किया था बटेश्वर मंदिर तोड़ने का प्रयास

कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने बटेश्वर के ब्रह्म लाल मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान शिवलिंग पर तलवार के तीन प्रहार के निशान देखे। उन्होंने बताया कि यह निशान उस समय के हैं जब औरंगजेब ने शिव मंदिर को तोड़ने और शिवलिंग को खंडित करने का प्रयास किया था। हालांकि, वह अपने मंसूबों में नाकाम रहा और लौट गया। ठाकुर ने कहा कि ये प्रमाण आज भी मौजूद हैं और सनातनी परंपरा को मिटाने के प्रयास तब भी हुए थे और आज भी जारी हैं। उन्होंने लोगों से सनातन धर्म और परंपराओं को बचाने का आह्वान किया।

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