निजी अस्पतालों में कमीशन लेकर प्रसव कराने वाली आशाओं पर मुकदमा दर्ज कराने में एक और झोल सामने आया है। 57 दिन बाद 12 आशाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया। मगर, मुकदमे में आशाओं के नाम गोल कर दिए गए, 12 अज्ञात आशाओं पर निजी अस्पताल में प्रसव कराने और भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाते हुए तहरीर दी। सोमवार को 12 अज्ञात आशाओं पर थाना खंदौली में धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज किया गया है।
रॉयल हॉस्पिटल, यमुना पार में नौ दिसंबर को उपहार लेते हुए आशाओं के बाहर निकलने का वीडियो वायरल हुआ था। 10 दिसंबर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा था। हॉस्पिटल से 11 आशाओं की सूची मिली थी, इसकी जांच कराई गई। ये सभी आशाएं खंदौली क्षेत्र की थी, जांच में एक और आशा का नाम सामने आया। इन आशाओं द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव नहीं कराए जा रहे थे। 23 दिसंबर को सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी खंदौली के प्रभारी को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।
आशा ने स्टाफ नर्स पर लगाए वसूली के आरोप फतेहाबाद क्षेत्र की आशा हीरा देवी ने आरोप लगाया है कि 26 दिसंबर को अपने क्षेत्र की एक गर्भवती का प्रसव कराया था। सीएचसी पर तैनात नर्स ने प्रसव कराने पर दो हजार रुपये दिलवाने के लिए कहा, विरोध करने पर पिटाई कर दी। इसकी शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की है। 57 दिन बाद सीएचसी प्रभारी ने अपने पदनाम से थाने में तहरीर दी, इसमें जांच रिपोर्ट में जिन 12 आशाओं के नाम लिखे गए थे वे तहरीर में नहीं लिखे, जांच रिपोर्ट संलग्न कर दी। थाना खंदौली प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
-आगरा से प्रमोद कुशवाह की रिपोर्ट