क्रिश्चियन स्कूलों में मत भेजो बच्चे
फादर जोबी ने कहा कि ये हिंदू जागरण मंच वाले कौन हैं, ये किसने अधिकार दिया है, जो इस तरह की बातें करें। उन्होंने कहा कि यदि इतनी ही परेशानी है, तो क्रिश्चियन स्कूलों में अपने बच्चों को मत भेजो, जहां आपकी संस्कृति चलती है, वहां पर बच्चों को भेजो। मदरसा में यदि कोई अपना बच्चा भेजता है और वहां कहे, कि ये पढ़ाई नहीं होनी चाहिए, तो कैसे काम चलेगा। क्रिसमस सदभावना, शांति और प्रेम का संदेश लेकर आता है और हम हिंदू जागरण मंच को भी प्रेम करते हैं और उनके मन में भी ईसा मसीह शांति और प्रेम फैलाए, ऐसी कामना करते हैं।
फादर जोबी ने कहा कि ये हिंदू जागरण मंच वाले कौन हैं, ये किसने अधिकार दिया है, जो इस तरह की बातें करें। उन्होंने कहा कि यदि इतनी ही परेशानी है, तो क्रिश्चियन स्कूलों में अपने बच्चों को मत भेजो, जहां आपकी संस्कृति चलती है, वहां पर बच्चों को भेजो। मदरसा में यदि कोई अपना बच्चा भेजता है और वहां कहे, कि ये पढ़ाई नहीं होनी चाहिए, तो कैसे काम चलेगा। क्रिसमस सदभावना, शांति और प्रेम का संदेश लेकर आता है और हम हिंदू जागरण मंच को भी प्रेम करते हैं और उनके मन में भी ईसा मसीह शांति और प्रेम फैलाए, ऐसी कामना करते हैं।
ये कहना है फादर मून का
फादर मून का कहना है कि हम उस देश में रहते हैं, जहां हमें सिखाया गया है, प्रेम, एकता भाईचारा। हमें नहीं मालूम किन कारणों से इन लोगों ने ऐसा पत्र जारी किया है। कुछ लोग होते हैं, जो खबर बनाने के लिए ऐसा करते हैं। धर्म नफरत फैलाने के लिए नहीं है, बल्कि आपस में प्रेम बढ़ाने के लिए है।
फादर मून का कहना है कि हम उस देश में रहते हैं, जहां हमें सिखाया गया है, प्रेम, एकता भाईचारा। हमें नहीं मालूम किन कारणों से इन लोगों ने ऐसा पत्र जारी किया है। कुछ लोग होते हैं, जो खबर बनाने के लिए ऐसा करते हैं। धर्म नफरत फैलाने के लिए नहीं है, बल्कि आपस में प्रेम बढ़ाने के लिए है।
ये था मामला
हिंदू जागरण मंच के पत्र में लिखा है कि स्कूलों में ईसाई बच्चों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है, इस मौके पर कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों में आने वाले हिंदू बच्चों अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल इस तरीके से ईसाई धर्म का प्रभाव हिंदू बच्चों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को दूषित करने की साजिश रच रहे हैं। मंच ने स्कूलों पर धर्मांतरण का हिस्सा बनने पर भी सवाल खड़े किए हैं।
हिंदू जागरण मंच के पत्र में लिखा है कि स्कूलों में ईसाई बच्चों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है, इस मौके पर कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों में आने वाले हिंदू बच्चों अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल इस तरीके से ईसाई धर्म का प्रभाव हिंदू बच्चों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को दूषित करने की साजिश रच रहे हैं। मंच ने स्कूलों पर धर्मांतरण का हिस्सा बनने पर भी सवाल खड़े किए हैं।