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फतेहपुर सीकरी मार्ग पर अछनेरा ब्लॉक के गांव महुअर में छोटी सी बस्ती का नजारा देख आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां बच्चे आपको जहरीले सांपों के साथ अठखेलियां करते नजर आएंगे।जहरीलों सांपों को कभी गले में डाल लेते हैं, तो कभी इनके पीछे पीछे दौड़ते हैं। ये सांप भी इन बच्चों से बेहद घुले मिले हैं। ये नाथों की छोटी सी बस्ती है। बड़ी बात ये भी है कि यदि आस पास के गांव में कोई सांप निकल आए, तो यहां से किसी बड़े इंसान को उसे पकड़ने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है, कोई भी बच्चा जहरीले सांप को पकड़ने के लिए चला जाता है।
फतेहपुर सीकरी मार्ग पर अछनेरा ब्लॉक के गांव महुअर में छोटी सी बस्ती का नजारा देख आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां बच्चे आपको जहरीले सांपों के साथ अठखेलियां करते नजर आएंगे।जहरीलों सांपों को कभी गले में डाल लेते हैं, तो कभी इनके पीछे पीछे दौड़ते हैं। ये सांप भी इन बच्चों से बेहद घुले मिले हैं। ये नाथों की छोटी सी बस्ती है। बड़ी बात ये भी है कि यदि आस पास के गांव में कोई सांप निकल आए, तो यहां से किसी बड़े इंसान को उसे पकड़ने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है, कोई भी बच्चा जहरीले सांप को पकड़ने के लिए चला जाता है।
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नाथ बस्ती में रहने वाले 11 वर्षीय भोला ने बताया कि इन सांपों से डर कैसा, ये तो दोस्त बन जाते हैं। इस मासूम ने जवाब दिया कि जिस तरह लोगों के दोस्त अन्य जानवर होते हैं, उसी प्रकार ये सांप हमारे दोस्त हैं। वहीं छह वर्षीय राहुल ने बताया कि इनके साथ खेलने में बहुत मजा आता है। वहीं नाथ बस्ती के संजय ने बताया कि शुरुआत में जब कोई नया सांप आता है, तो वो बेहद बिगड़ा हुआ होता है, लेकिन जब उसके दांत तोड़ दिए जाते हैं, तो वह काट नहीं पाता है और धीरे धीरे वह घुलमिल जाता है।
नाथ बस्ती में रहने वाले 11 वर्षीय भोला ने बताया कि इन सांपों से डर कैसा, ये तो दोस्त बन जाते हैं। इस मासूम ने जवाब दिया कि जिस तरह लोगों के दोस्त अन्य जानवर होते हैं, उसी प्रकार ये सांप हमारे दोस्त हैं। वहीं छह वर्षीय राहुल ने बताया कि इनके साथ खेलने में बहुत मजा आता है। वहीं नाथ बस्ती के संजय ने बताया कि शुरुआत में जब कोई नया सांप आता है, तो वो बेहद बिगड़ा हुआ होता है, लेकिन जब उसके दांत तोड़ दिए जाते हैं, तो वह काट नहीं पाता है और धीरे धीरे वह घुलमिल जाता है।
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वहीं यहां के रहने वाले नाथ उमेश ने बताया कि बच्चों को ये खिलौने की तरह होते हैं। नाथ बस्ती में अभी अजगर, घोड़ा पछाड़ और काले सांप हैं। इन सांपों के दांत तोड़ दिए गए हैं, ये किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। यदि कोई बच्चा रोता है, तो उसे ऐसे ही सांप पकड़ा दिया जाता है। वो बच्चा इस सांप को देख बहल भी जाता है।
वहीं यहां के रहने वाले नाथ उमेश ने बताया कि बच्चों को ये खिलौने की तरह होते हैं। नाथ बस्ती में अभी अजगर, घोड़ा पछाड़ और काले सांप हैं। इन सांपों के दांत तोड़ दिए गए हैं, ये किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। यदि कोई बच्चा रोता है, तो उसे ऐसे ही सांप पकड़ा दिया जाता है। वो बच्चा इस सांप को देख बहल भी जाता है।