यह भी पढ़ें– शराबी ने पुलिस चौकी पर किया तांडव, सरकारी दस्तावेज फाड़े, देखें वीडियो किसानों का कहना है कि कई बार शिकायत के बाद भी नहर को पूरी तरह ठीक नहीं किया गया, जिसके कारण एक बार चंबल नहर फिर फट गई। वहीं कुछ दिनों पूर्व भी इसी जगह चंबल नहर फट गई थी। ग्रामीणों ने खुद ही नहर के माइनर को बंद किया था और माइनर के पानी को मिट्टी डालकर रोका था। नहर ठीक कराने के लिए ग्रामीणों ने नहर विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी मगर कोई मौके पर नहीं पहुंचा।
ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत प्रशासन के उच्चाधिकारियों से की गई उसके बाद नहर विभाग के कुछ कर्मचारी आए और मिट्टी की बोरियां रखकर चले गए। नहर विभाग के कर्मचारियों ने उसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया था जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार तीन माह में तीन बार नहर टूटने से किसानों की आलू और गेहूं की सैकड़ों बीघा फसल नहर के पानी से जलमग्न होकर खराब हो गई है। किसानों ने फसल में नुकसान की आशंका जताते हुए मुआवजे की मांग की है।