एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि सर्राफा कारोबारी छदामी लाल पर 30 से 35 लाख रुपये का कर्ज था। कर्ज से बचने के लिए उसने यू ट्यूब का सहारा लेकर खुद के अपहरण की झूठी साजिश रची थी। एसएसपी ने बताया कि 20 मई को मालपुरा थाने छदामी लाल के अपहरण की सूचना मिली थी। व्यापारी ने भाई को कॉल कर कहा कि उसे कुछ लोग पकड़ कर कहीं ले जा रहे हैं और फिर उसका फोन स्विच ऑफ हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस ने केस दर्ज कर व्यापारी को बरामद करने के लिए छा टीमों का गठन किया। उन्होंने बताया कि इस बीच व्यापारी का फोन बार-बार ऑन और ऑफ हो रहा था। फिर उसी फोन से मैसेज आया कि आपका भाई हमारे पास है और मारपीट करके हाथ तोड़ दिया है। अगर 50 लाख रुपये नहीं दिए तो इसे गोली मार दी जाएगी। पुलिस को बताया तो मार दिया जाएगा।
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पति के बॉस के प्यार में पागल महिला ने पार कर दी सभी हदें, राज खुला तो तबाह हुए दो घर रेलवे स्टेशन से अकेले निकलते देख हुई हैरानी एसएसपी ने बताया कि इस दौरान पुलिस ने आगरा, झांसी और ग्वालियर रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज देखी तो हैरानी हुए। छदामी लाल रेलवे स्टेशन से अकेला बाहर निकल रहा था। इस पर शक हुआ तो व्यापारी के गांव में पूछताछ की गई। जहां से पता चला कि उस पर 30 से 35 लाख रुपए का कर्ज है। इसके बाद पुलिस को यकीं हो गया कि हो न हो व्यापारी ने कर्ज से बचने के लिए ही अपने झूठे अपहरण की योजना बनाई है। इसके बाद पुलिस ने इंटरसेप्ट करते हुए व्यापारी को बरामद कर लिया।
एसएसपी ने बताया कि सर्राफा व्यापारी के अपहरण केस में पुलिस की टीमों ने बहुत अच्छा काम काम किया है। महज 24 घंटे के भीतर कथित अपहरण का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि सर्राफा व्यापारी छदामी लाल ने खुद के अपहरण यह नाटक यू-ट्यूब में देखकर किया है। उसके मोबाइल पर यू-ट्यूब स्ट्रीम से इसकी पुष्टि होती है। कैसे हम भारी कर्जे से बचें वह इस तरह के वीडियो देख रहा था। एसएसपी ने कहा कि अपहरण के मामलों में पुलिस प्रशासन के साथ सरकार की भी बदनामी होती है। छदामी लाल को झूठी सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।