आगरा

महंगाई डायन खाय जात है…सुबह का नाश्ता करना भी हुआ महंगा

— पेट्रोलियम पदार्थो के बढ़ते दामों ने हर तबके के लोगों को किया है प्रभावित, बाजार में खाना व नाश्ता करने वालों पर भी पढ़ रही महंगाई की मार।

आगराOct 09, 2021 / 09:59 am

arun rawat

Cylynder Rate increase

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। मुहब्बत की नगरी कहे जाने वाले शहर आगरा में हर तबके का वर्ग प्रभावित है। पेट्रोलियम पदार्थो की बढ़ती कीमतों को लेकर सुबह का नाश्ता करने वालों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। घर का बजट भी बिगड़ गया है। पेट्रोल, डीजल के अलावा घरेलू गैस सिलिंडर के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है।
यह है सिलिंडर और पेट्रोल—डीजल की कीमत
आगरा में घरेलू गैस सिलिंडर की कीमत 900 रुपए है वहीं फिरोजाबाद में 920 रुपए का सिलिंडर दिया जा रहा है। इसमें भी सिलिंडर लेकर आने वाले हॉकर 20 रुपए सिलिंडर पहुंचाने का उपभोक्ता से अलग से लेते हें। वहीं आगरा में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए 11 पैसे प्रति लीटर पहुंच गई है। वहीं डीजल 92 रुपए 7 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच गया है। फिरोजाबाद में 100 रुपए 76 पैसे पेट्रोल और डीजल 92.76 रुपए पर पहुंच गया है।
ब्रेड पर महंगाई की मार
पेट्रोलियम पदार्थो की बढ़ती कीमतों को लेकर खाने—पीने के सामान भी महंगे हो गए हैं। आगरा में बीते सप्ताह तक जो ब्रेड 20 रुपए की थी, वह अब 25 रुपए की और 40 रुपए वाली ब्रेड 45 रुपए में मिल रही है। सभी ब्रेड निर्माता कंपनियों ने मिलकर दामों में बढ़ोतरी की है। इसके पीछे मैदा, ऑयल और मालभाड़े में बढ़ोतरी बताई जा रही है। तेल और रिफाइंड के दामों में वृद्धि होने को लेकर दुकानदारों ने सुबह का नाश्ता भी महंगा कर दिया है। 5 रुपए में मिने वाली बेड़ई के दाम बढ़ाकर 7 और 10 रुपए कर दिए हैं। समोसे, कचौड़ी और मिठाई के दामों में भी वृद्धि हुई है। इससे लोगों का सुबह का नाश्ता करना भी महंगा हो गया है।
पेंट कराना भी हुआ महंगा
पेट्रोलियम पदार्थों की महंगाई का असर घर सजाने पर भी पड़ा है। दरअसल, पेट्रोलियम पदार्थों से ही घर सजाने के लिए डिस्टेंपर्स, इमल्शन, पेंट तैयार किए जाते हैं। इस साल जनवरी से 30 सितंबर के बीच पेंट कंपनियां 7 बार दाम बढ़ा चुकी हैं। पेंट कारोबारी देवेश कुमार ने बताया कि जितनी बार 15 साल में रेट नहीं बढ़े उससे कहीं अधिक एक वर्ष के अंदर बढ़ गए हैं। 1000 रुपए तक प्रति बाल्टी पर बढ़ रहे हैं। डिस्टेंपर हो या पीयू या फिर मेलामाइन, तारपीन का तेल, प्राइमर तक के दाम में इजाफा है। जूते और पेंट की तरह ही लोहा बाजार में हर दिन रेट तय हो रहे हैं। माल भाड़ा और लागत बढ़ने का असर लोहा कारोबार पर पड़ रहा है। ग्राहक जिस दिन रेट पूछकर जा रहे हैं, उसके दो या तीन दिन बाद खरीदने के लिए जब पहुंच रहे हैं तो रेट बढ़े मिल रहे हैं।

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