वहीं, मनकामेश्वर महादेव के महंत योगेश पुरी का कहना है कि भारतीय परिधान हमेशा से मंदिरों में आदर्श माना गया है। इसलिए श्रद्धालु भारतीय परिधान पहनकर ही आएं। इससे पहले मथुरा के राधा बल्लभ और राधा दामोदर मंदिर भी छोटे कपड़ों में श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर बैन लग चुके हैं तो बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा है कि अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने से लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। यह सनातन संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। हम विरोध करते हैं।
पहले भी मंदिरों में लगाई जा चुकी हैं पाबंदिया
छोटे कपड़ों पर बैन लगाने का यह पहला मामला नहीं है। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंदिरों में जींस और छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई थी।पहले के समय में लोग मंदिरों में धोती कुर्ता, पायजामा कुर्ता और साड़ी पहनकर जाते थे लेकिन अब लोगों का पहनावा बदल गया है और मंदिरों में भी इसका असर देखने को मिला है। अब लोग मंदिरों में जींस, टी शर्ट, टॉप या मिडी पहन कर चले जाते हैं, क्योंकि आज ज्यादातर लोग यही कपड़े डेली रूटीन में भी पहनते हैं। अक्सर इन कपड़ों को लेकर मंदिरों में विवाद देखने को मिलता है।
छोटे कपड़ों पर बैन लगाने का यह पहला मामला नहीं है। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंदिरों में जींस और छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई थी।पहले के समय में लोग मंदिरों में धोती कुर्ता, पायजामा कुर्ता और साड़ी पहनकर जाते थे लेकिन अब लोगों का पहनावा बदल गया है और मंदिरों में भी इसका असर देखने को मिला है। अब लोग मंदिरों में जींस, टी शर्ट, टॉप या मिडी पहन कर चले जाते हैं, क्योंकि आज ज्यादातर लोग यही कपड़े डेली रूटीन में भी पहनते हैं। अक्सर इन कपड़ों को लेकर मंदिरों में विवाद देखने को मिलता है।
भारतीय परिधान पहनकर आने वालों को ही मिलेगा प्रवेश
आगरा के कैलाश महादेव समेत कई मंदिर प्रशासन ने भी यह सख्त नियम बनाया है कि सिर्फ भारतीय परिधान पहनकर आने वाले लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिलेगी। मंदिर के गोस्वामी के अनुसार मंदिर के बाहर बोर्ड लगाकर लोगों से अपील की गई है कि वे भारतीय परंपरा की पवित्रता को बनाए रखने वाले कपड़े ही पहनें। छोटे कपड़े पहनने वालों को मंदिर में अनुमति नहीं मिलेगी।
आगरा के कैलाश महादेव समेत कई मंदिर प्रशासन ने भी यह सख्त नियम बनाया है कि सिर्फ भारतीय परिधान पहनकर आने वाले लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिलेगी। मंदिर के गोस्वामी के अनुसार मंदिर के बाहर बोर्ड लगाकर लोगों से अपील की गई है कि वे भारतीय परंपरा की पवित्रता को बनाए रखने वाले कपड़े ही पहनें। छोटे कपड़े पहनने वालों को मंदिर में अनुमति नहीं मिलेगी।