आगरा

लोकसभा चुनाव: दलित बहुल इस क्षेत्र में आज तक नहीं दौड़ा हाथी, न ही कभी जीत सकी महिला उम्मीदवार, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

पढ़िए आगरा लोकसभा सीट का आजादी के बाद से अब तक का इतिहास।

आगराApr 15, 2019 / 10:40 am

suchita mishra

loksabha chunav

आगरा। दलितों की राजधानी के नाम से मशहूर ताजनगरी की सियासत के दो सच ऐसे हैं जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। पहला, दलितों की राजधानी होने के बावजूद आज तक यहां दलितों की पार्टी कही जाने वाली बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) अपना खाता भी नहीं खोल सकी है। दूसरा, आजादी के बाद से केंद्र में अलग अलग पार्टियों की सरकारें बदलती रहीं, लेकिन कभी भी आगरा लोकसभा सीट से कोई महिला उम्मीदवार जीतकर संसद नहीं पहुंच सकी। इस बार कांग्रेस ने महिला पर भरोसा जताते हुए आगरा सीट से पूर्व आईआरएस अफसर प्रीता हरित को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सपा—बसपा गठबंधन की ओर से मनोज सोनी और भाजपा ने एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया है। 18 अप्रैल को यहां वोट डाले जाएंगे।
1984 के बाद नहीं लौटी कांग्रेस
ताजनगरी को कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। आजादी के बाद 1952 से लेकर 1971 तक लगातार यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की। लेकिन इमरजेंसी लगने के बाद लोगों में कांग्रेस सरकार के प्रति गुस्सा था। कांग्रेस विरोधी इस लहर का फायदा चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय लोकदल को हुआ और ये सीट उनके खाते में चली गई। उसके बाद एक बार फिर से आगरा की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और 1980 और 1984 में यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की। लेकिन 1984 के बाद से यहां कभी कांग्रेस की वापसी नहीं हो सकी।
1989 में जनता दल और 1991, 1996 और 1998 में भाजपा यहां से जीती। 1999 और 2004 में राज बब्बर ने समाजवादी प्रत्याशी के रूप में यहां से चुनाव जीता। 2009 और 2014 में फिर से बीजेपी ने वापसी की और रामशंकर कठेरिया यहां से दोनों बार सांसद चुने गए। बता दें कि राज बब्बर अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्हें पार्टी ने इस बार फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी बनाया है, वहीं रामशंकर कठेरिया को भाजपा ने इटावा से टिकट दिया है।
जानिए आजादी के बाद आगरा से कब किसे मिली जीत

1952 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1957 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1962 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1967 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1971 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1977 शंभूनाथ चतुर्वेदी (भारतीय लोक दल)
1980 निहाल सिंह (कांग्रेस)
1984 निहाल सिंह (कांग्रेस)
1989 अजय सिंह (जनता दल)
1991 भगवान शंकर रावत (भाजपा)
1996 भगवान शंकर रावत (भाजपा)
1998 भगवान शंकर रावत (भाजपा)
1999 राज बब्बर (सपा)
2004 राज बब्बर (सपा)
2009 डॉक्टर राम शंकर कठेरिया (भाजपा)
2014 डॉक्टर राम शंकर कठेरिया (भाजपा)
 

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