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जब फोन आया 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर 2013 में ही चलने लगी थी। अखबारों के लिए चुनाव की महत्ता कुछ ज्यादा ही है। मैं अपने दफ्तर में दैनिक कार्य निपटा रहा था कि अचानक फोन की घंटी बजी। उधर से आवाज आई- मैं अमर सिंह बोल रहा हूं दिल्ली से। आप कैसे हैं? सामान्य औपचारिकता के बाद अमर सिंह ने कहा कि मैं फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहा हूं। अखबार के लिए यह बड़ी खबर थी। आगरा के सभी अखबारों में अगले दिन सबसे प्रमुख खबर थी अमर सिंह के चुनाव लड़ने की।
जब फोन आया 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर 2013 में ही चलने लगी थी। अखबारों के लिए चुनाव की महत्ता कुछ ज्यादा ही है। मैं अपने दफ्तर में दैनिक कार्य निपटा रहा था कि अचानक फोन की घंटी बजी। उधर से आवाज आई- मैं अमर सिंह बोल रहा हूं दिल्ली से। आप कैसे हैं? सामान्य औपचारिकता के बाद अमर सिंह ने कहा कि मैं फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहा हूं। अखबार के लिए यह बड़ी खबर थी। आगरा के सभी अखबारों में अगले दिन सबसे प्रमुख खबर थी अमर सिंह के चुनाव लड़ने की।
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दुधारु गाय’ समझ रहा था मीडिया 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अमर सिंह आगरा में बोरिया बिस्तर लेकर आ गए। उन्हें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने टिकट दिया था। उनके पास पूरी टीम थी। वह मीडिया से समन्वय बना रही थी। मीडिया का एक वर्ग ऐसा भी था, जो अमर सिंह को ‘दुधारु गाय’ के रूप में देख रहा था। सबके मन में इच्छा थी कि अमर सिंह एक-दो करोड़ का विज्ञापन देंगे। इसके चलते विपणन विभाग के लोग अमर सिंह के कार्यालय में पड़े रहते थे। अमर सिंह बात तो सबसे करते थे, लेकिन उन जैसा कोई खिलाड़ी नहीं था। उनकी टीम ने लम्बा समय रेट पूछने, प्रस्ताव भेजने आदि में निकाल दिया। अखबारों को थोड़ा सा विज्ञापन भी जारी किया।
दुधारु गाय’ समझ रहा था मीडिया 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अमर सिंह आगरा में बोरिया बिस्तर लेकर आ गए। उन्हें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने टिकट दिया था। उनके पास पूरी टीम थी। वह मीडिया से समन्वय बना रही थी। मीडिया का एक वर्ग ऐसा भी था, जो अमर सिंह को ‘दुधारु गाय’ के रूप में देख रहा था। सबके मन में इच्छा थी कि अमर सिंह एक-दो करोड़ का विज्ञापन देंगे। इसके चलते विपणन विभाग के लोग अमर सिंह के कार्यालय में पड़े रहते थे। अमर सिंह बात तो सबसे करते थे, लेकिन उन जैसा कोई खिलाड़ी नहीं था। उनकी टीम ने लम्बा समय रेट पूछने, प्रस्ताव भेजने आदि में निकाल दिया। अखबारों को थोड़ा सा विज्ञापन भी जारी किया।
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ठाकुर नेताओं का जमावड़ा खैर, अमर सिंह की एंट्री चुनावी माहौल के बीच में हुई। उनके पास फिल्मी ग्लैमर है। उन्होंने श्रीदेवी और जयाप्रदा समेत तमाम हीरोइनों को बुलाकर चुनाव को ऊंचाई प्रदान की। हीरो-हीरोइन का रोड शो आज भी लोग याद करते हैं। अमर सिंह का नाम बड़ा है। इस कारण अखबारों की मजबूरी थी उनके बारे में लिखने की। तमाम ठाकुर नेता अमर सिंह के निकट आ गए। सबको लग रहा था कि अमर सिंह से अच्छा पैसा मिल जाएगा, लेकिन जब दाल न गली तो धीरे-धीरे दूर हो गए।
ठाकुर नेताओं का जमावड़ा खैर, अमर सिंह की एंट्री चुनावी माहौल के बीच में हुई। उनके पास फिल्मी ग्लैमर है। उन्होंने श्रीदेवी और जयाप्रदा समेत तमाम हीरोइनों को बुलाकर चुनाव को ऊंचाई प्रदान की। हीरो-हीरोइन का रोड शो आज भी लोग याद करते हैं। अमर सिंह का नाम बड़ा है। इस कारण अखबारों की मजबूरी थी उनके बारे में लिखने की। तमाम ठाकुर नेता अमर सिंह के निकट आ गए। सबको लग रहा था कि अमर सिंह से अच्छा पैसा मिल जाएगा, लेकिन जब दाल न गली तो धीरे-धीरे दूर हो गए।
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आगरा से निराशा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा लगा कि अमर सिंह फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। अमर सिंह को भी विश्वास था। वे कह रहे थे कि जिसके दिल्ली में सबंध हैं, वही आगरा का विकास कर सकता है। जब चुनाव नतीजे आए तो अमर सिंह चारों खाने चित हो गए। जनता ने उन्हें बताने लायक भी वोट नहीं दिए। उन्होंने अपनी पार्टी भी बनाई, लेकिन दाल न गल सकी। उन्हें आगरा से बड़ी आशा थी, लेकिन निराशा हाथ लगी।
आगरा से निराशा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा लगा कि अमर सिंह फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। अमर सिंह को भी विश्वास था। वे कह रहे थे कि जिसके दिल्ली में सबंध हैं, वही आगरा का विकास कर सकता है। जब चुनाव नतीजे आए तो अमर सिंह चारों खाने चित हो गए। जनता ने उन्हें बताने लायक भी वोट नहीं दिए। उन्होंने अपनी पार्टी भी बनाई, लेकिन दाल न गल सकी। उन्हें आगरा से बड़ी आशा थी, लेकिन निराशा हाथ लगी।
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जमानत हो गई जब्त फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद, बाह, आगरा ग्रामीण और खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के चौधरी बाबूलाल को 4,26,589, बहुजन समाज पार्टी की सीमा उपाध्याय को 2,53,483, समाजवादी पार्टी की रानी पक्षालिका सिंह को 2,13,397 और रालोद के अमर सिंह को 24,185 वोट मिले थे। कमाल ये है कि इतने वोट लेकर भी वे चौथे नम्बर पर थे। उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
जमानत हो गई जब्त फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद, बाह, आगरा ग्रामीण और खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के चौधरी बाबूलाल को 4,26,589, बहुजन समाज पार्टी की सीमा उपाध्याय को 2,53,483, समाजवादी पार्टी की रानी पक्षालिका सिंह को 2,13,397 और रालोद के अमर सिंह को 24,185 वोट मिले थे। कमाल ये है कि इतने वोट लेकर भी वे चौथे नम्बर पर थे। उनकी जमानत जब्त हो गई थी।