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समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में करारी हार और एन वक्त पर पार्टी छोड़ भाजपा का झण्डा बुलंद करने वाले नेताओं की बगाबत का पोस्टमार्टम करना शुरु कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर आठ जिलों को छोड़कर समूचे प्रदेश की जिला और शहर इकाइयों के साथ ही सभी 14 प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। इस निर्णय के बाद आगरा जनपद की सभी इकाइयां अब निवर्तमान हो गयीं हैं। यह भी पढ़ें
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आगरा की इकाइयां पहले से ही चल रही थीं भंग लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी कार्यालय पर ताला जड़ा मिलने पर आगरा जनपद की इकाई पहले से ही भंग चल रही थी, लेकिन पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने के चलते पुराने पदाधिकारी ही पदों पर काबिज थे। इस आदेश के बाद अब ये इकाइयां तकनीकी रुप से भंग हो गयीं हैं। यह भी पढ़ें
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आठ जिलों की कार्यकारिणी यथावत सपा अध्यक्ष ने जिन आठ जनपदों की जिला और शहर इकाई को भंग नहीं किया है, उनमें ब्रज के फिरोजाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, बदायूं शामिल हैं इसके अलावा रामपुर, आजमगढ़ं, अमेठी व रायबरेली की जिला और शहर इकाइयां शामिल हैं। आपको बता दें कि इनमें से रामपुर, आजमगढ़ और मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा का कब्जा है, जबकि कन्नौज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिम्पल यादव और बदायूं सीट से सैफई परिवार के धर्मेन्द्र यादव नजदीकि अंतर से चुनाव हारे थे। वहीं रायबरेली और अमेठी सीट पर पार्टी ने सोनिया और राहुल गांधी के समर्थन में प्रत्याशी नहीं उतारे थे। यह भी पढ़ें– हिन्दू महिला ने मुस्लिम समाज के लोगों के संग की नमाज अदा, दिए ये संदेश
जल्द ही होगा गठन सपा जल्द ही जिला और शहर इकाइयों का गठन कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेगी। निष्क्रीय रहे पदाधिकारियों को संगठन से हटाया जाएगा, वहीं सक्रिय और जनाधार वाले नेताओं को जिला और शहर की कमान सौंपी जाएगी। जिसके लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
जल्द ही होगा गठन सपा जल्द ही जिला और शहर इकाइयों का गठन कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेगी। निष्क्रीय रहे पदाधिकारियों को संगठन से हटाया जाएगा, वहीं सक्रिय और जनाधार वाले नेताओं को जिला और शहर की कमान सौंपी जाएगी। जिसके लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
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