ये कहना है जिलाध्यक्ष का
जिलाध्यक्ष मुहम्मद इदरीश अली ने कहा कि क्रिसमस न मनाने देने का ऐलान करने वाले भूल गए हैं, कि ये देश किसी के बाप की जागीर नहीं है और लोकतांत्रिक देश है, हर किसी को अपना त्योहार मनाने की आजादी है। उन्होंने क्रिश्चियन समाज से अपील की है कि वे किसी डर और खौफ का दरकिनार करते हुए जिस तरीके से त्योहार मनाते आए हैं, उसी तरीके से अपना त्योहार मनाएं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस वाले दिन एआईएमआईएम के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर चर्च पर मौजूद रहेंगे और किसी प्रकार के कोई अप्रिय हालात बनते हैं, तो एआईएमआईएम का कार्यकर्ता उसे अपने तरीके से नियंत्रित करने का पूरा प्रयास करेगा। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि जिस तरीके से हिंदू जागरण मंच ने ये बयान जारी किया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही उन्हें जेल भेजना चाहिए।
जिलाध्यक्ष मुहम्मद इदरीश अली ने कहा कि क्रिसमस न मनाने देने का ऐलान करने वाले भूल गए हैं, कि ये देश किसी के बाप की जागीर नहीं है और लोकतांत्रिक देश है, हर किसी को अपना त्योहार मनाने की आजादी है। उन्होंने क्रिश्चियन समाज से अपील की है कि वे किसी डर और खौफ का दरकिनार करते हुए जिस तरीके से त्योहार मनाते आए हैं, उसी तरीके से अपना त्योहार मनाएं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस वाले दिन एआईएमआईएम के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर चर्च पर मौजूद रहेंगे और किसी प्रकार के कोई अप्रिय हालात बनते हैं, तो एआईएमआईएम का कार्यकर्ता उसे अपने तरीके से नियंत्रित करने का पूरा प्रयास करेगा। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि जिस तरीके से हिंदू जागरण मंच ने ये बयान जारी किया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही उन्हें जेल भेजना चाहिए।
ये था मामला
हिंदू जागरण मंच के पत्र में लिखा है कि स्कूलों में ईसाई बच्चों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है, इस मौके पर कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों में आने वाले हिंदू बच्चों अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल इस तरीके से ईसाई धर्म का प्रभाव हिंदू बच्चों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को दूषित करने की साजिश रच रहे हैं। मंच ने स्कूलों पर धर्मांतरण का हिस्सा बनने पर भी सवाल खड़े किए हैं।
हिंदू जागरण मंच के पत्र में लिखा है कि स्कूलों में ईसाई बच्चों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है, इस मौके पर कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों में आने वाले हिंदू बच्चों अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल इस तरीके से ईसाई धर्म का प्रभाव हिंदू बच्चों पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को दूषित करने की साजिश रच रहे हैं। मंच ने स्कूलों पर धर्मांतरण का हिस्सा बनने पर भी सवाल खड़े किए हैं।