इस मामले में पुलिस की लखनऊ तक किरकिरी होने के बाद जिले के कमिश्नर को हटा दिया गया। इसके बावजूद आगरा पुलिस के आएदिन नए कारनामे सामने आ रहे हैं। अब ताजा मामला सिकंदरा थाने से सामने आया है। यहां कोरियर कंपनी के कर्मचारी से की गई लूट की घटना को पुलिस ने धोखाधड़ी में बदल दिया। इतना ही नहीं, कर्मचारी पर दबाव बनाकर तहरीर बदलवाई गई। इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर से की गई है। हालांकि थाना पुलिस तहरीर के मुताबिक ही मुकदमा दर्ज किए जाने की बात कह रही है।
नवागत कमिश्नर का फरमान है कि पीड़ित की सुनवाई हो। लेकिन थानों में पुलिस पुराने ढर्रे पर चल रही है अपराध कम दर्शाने के लिए लूट जैसे मामले चोरी में दर्ज किए जा रहे हैं। ताजा मामला सिकंदरा थाने का है। पीड़ित के भाई का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने साफ कहा कि लूट की तहरीर पर मुकदमा नहीं होगा। चाहें जिसके पास चले जाओ। मुकदमा लिखाना है तो जैसे पुलिस कहेगी वही लिखकर तहरीर देनी पड़ेगी। घटना पथौली निवासी मोहित शर्मा कोरियर कंपनी कर्मचारी है। 16 जनवरी की रात एक बजे रुनकता कार्यस्थल पर जा रहे थे। सिकंदरा थाना क्षेत्र के जेसीबी चौराहे के पास दो बाइकों पर सवार पांच बदमाशों ने तमंचा दिखाकर उन्हें रोका लिया। उनसे नगदी मोबाइल व अन्य सामान लूटकर ईको कार में डालकर ले जाने का प्रयास किया।
पीड़ित के भाई प्रिंस शर्मा ने बताया कि उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर घटना की जानकारी दी। मौके पर पदम प्राइड चौकी के दारोगा सुनील कुमार आए। घटनास्थल पर आरोपितों का एक गमछा और एक हाथ का दस्ताना मिला। रात एक बजे उन्होंने भाई के साथ लूट और अपहरण की शिकायत दी। सुबह थाने पर बुलाया गया और दबाव बनाया गया। माल बरामद करने और बदमाशों को गिरफ्तार करने पर का वादा कर मनमाफिक तहरीर पर हस्ताक्षर कराए गए।
लेकिन गुरुवार को धोखाधड़ी और चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शुक्रवार को मामले की जानकारी हुई है। पुलिस आयुक्त से मिलकर घटना की शिकायत की। इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि तहरीर के अनुसार मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित अपने बयानों में और कोई आरोप लगाएगा तो उसके आधार पर धाराएं बढ़ा दी जाएंगी।
क्राइम एक्सपर्ट की मानें तो पुलिस पहले हल्की धाराओं में मुकदमा लिखती है। लूट के मुकदमे में एसआर फाइल खुलती है। अधिकारी सवाल-जवाब करते हैं। किस थाने में कितना अपराध हुआ इसका आकलन भी आंकड़ों के आधार पर होता है। सब ठीक चल रहा है। अपराध कम है। ऐसा दर्शाने के लिए पुलिस मामूली धाराओं में मुकदमा लिखती है। जब खुलासा होता है तो धाराएं बदल देती है, इससे कोर्ट में मुकदमा कमजोर हो जाता है।
-आगरा से प्रमोद कुशवाहा की रिपोर्ट