अंजुलता ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि उनके पति अनिल कुमार (49 वर्ष) का विगत 12 जून को अचानक हृदय गति रुकने के कारण चीन में निधन हो गया है। वे एम.वी.जी. एच. नाइटिंगेल के मुख्य अभियंता पद पर कार्यरत थे। उनका जहाज ड्राईडॉकिंग के लिए चीन के झेजियांग प्रांत के झोउशान शहर में था। 11 जून की देर रात्रि अनिल की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें झोउशान अस्पताल झेजियांग विश्वविद्यालय, झोउशान शाखा में ले जाया गया था। सुबह वे अस्पताल से वापस आ गए लेकिन दोपहर में उन्हें फिर सीने में दिक्कत होने लगी तो दोबारा अस्पताल भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
अंजुलता ने केंद्र सरकार से विनती करते हुए कहा कि वह और उनका परिवार बहुत कठिन समय से गुजर रहे हैं। उन पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अस्सी से अधिक आयु की सास को पुत्र बिछोह की स्थिति में संभालना बहुत मुश्किल है। तेरह दिन होने पर भी कहीं से कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है। सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उनके पति के पार्थिव शरीर को आगरा भिजवाने का प्रबंध करे। अंजुलता व्यक्तिगत प्रयासों के साथ ही पति की कंपनी के अधिकारियों के भी निरंतर संपर्क में हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने इस संवाददाता से फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि कंपनी अनिल कुमार की पार्थिव देह को शीघ्र लाने के प्रयासों में लगी है, लेकिन चीन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी ढिलाई बरती रहे हैं। उनका कहना है कि वापसी की पूरी प्रक्रिया के 25 से 30 दिन लग सकते हैं। हां यदि केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे तो कुछ ही दिन में पार्थिव शरीर वापस लाया जा सकता है।
उधर चीन में मौजूद नम्रता उपाध्याय ने अंजुलता को लिखा कि वह भारतीय वाणिज्य दूतावास के निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि एक आमजन को सरकार से मदद नहीं मिल पा रही है, यदि कोई नेता होता तो परवाह की जाती। नम्रता स्वयं व्यक्तिगत रूप से संबंधित विभागों से बात कर चुकी हैं, कोई संतोषजनक जवाब देने को तैयार नहीं है। उन्होंने आगरा वासियों से अंजुलता की मदद के लिए उठ खड़े होने का अनुरोध किया है। सेवानिवृत्त आयकर अधिकारी डा एसके अरेला ने भी अनिल कुमार का पार्थिव शरीर स्वदेश वापस मंगाने के लिए वित्त मंत्रालय में अपने संपर्कों के माध्यम से विदेश मंत्रालय को पूरी जानकारी दी है। अरेला ने भारतीय दूतावास के धनराज पूनिया से भी फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि मृतक का शव अभी तक नहीं पहुंचा है। बेबस विधवा अपने मृत पति के शव को पाने के लिए संघर्ष कर रही है।