पत्रिका न्यूज नेटवर्कआगरा। यूपी के आगरा में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों पर दर्ज मुकदमे की पैरवी अब आगरा के अधिवक्ता करेंगे। आॅल इंडिया लॉयर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने इसकी घोषणा की।
यह भी पढ़ें— दिवाली पर बुझा घर का चिराग, सड़क हादसे में दो भाइयों की दर्दनाक मौत टी—20 मैच में जीता था पाकिस्तानटी-20 विश्वकप में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में जेल भेजे गए तीन कश्मीरी छात्रों का मुकदमा अब आगरा के अधिवक्ता लड़ने को तैयार हो गए हैं। आल इंडिया लायर्स यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण सोलंकी एवं आगरा शाखा के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेद्र रावत, अमीर अहमद व सतीश भदौरिया ने मंगलवार को बैठक की। उन्होंने अपने संयुक्त बयान में कहा कि सभी अधिवक्ता नियमों व पेशे के सिद्धांतों के अधीन अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। ये नियम व सिद्धांत किसी भी अधिवक्ता संगठन या समूह को इस बात की इजाजत नहीं देते कि वह सामूहिक रूप से यह निर्णय लें व अन्य अधिवक्ताओं को बाध्य करें कि वे किसी अभियुक्त की न्यायालय में पैरवी न करें।
यह भी पढ़ें— प्रसपा का सपा में हुआ विलय तो बढ़ जाएगी बीजेपी की परेशानी, जानिए क्या रहेगी वजह उमर अब्दुल्ला ने बताया था दुर्भाग्यपूर्णअधिवक्ताओं ने कहा कि किसी भी अधिवक्ता को यह अधिकार है कि वह किसी की पैरवी करने से इंकार कर सकता है। मगर, ऐसा निर्णय सामूहिक रूप से नहीं लिया जा सकता। न ही अन्य अधिवक्ताओं को ऐसा करने पर बाध्य ही किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय भी इस संबंध में निर्णय पारित कर चुका है। प्रत्येक अभियुक्त को विधिक सहायता प्राप्त होना उसका विधिक अधिकार है। इसमें किसी को बाधा डालने का अधिकार प्राप्त नहीं है। देश विरोधी टिप्पणी के चलते आगरा के कई अधिवक्ता संगठनों ने सामूहिक रूप से कश्मीरी छात्रों का मुकदमा न लड़ने का निर्णय लिया था। अधिवक्ताओं के इस निर्णय पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।