इसके बाद तुरंत ही कर्मचारियों ने संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से पर्यटक को ढंढ़ा गया और सत्यापन करने के बाद नोटों से भरा बैग उसे सौंप दिया गया।
पश्चिम बंगाल से घूमने आया था पर्यटक
पश्चिम बंगाल से घूमने आए पर्यटक दल के टूर ऑपरेटर मंगलवार को अपना रुपयों से भरा बैग ताजमहल परिसर में भूल गए। शाम करीब 5.15 बजे ताजमहल से बाहर आने के बाद अचानक पर्यटक को बैग की याद आई। तत्काल ही वो वापस लौटा लेकिन उसे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उसका बैग वापस मिलेगा। उसे लगा कि इतनी भीड़ है, कोई न कोई बैग उठाकर ले गया होगा।
पश्चिम बंगाल से घूमने आए पर्यटक दल के टूर ऑपरेटर मंगलवार को अपना रुपयों से भरा बैग ताजमहल परिसर में भूल गए। शाम करीब 5.15 बजे ताजमहल से बाहर आने के बाद अचानक पर्यटक को बैग की याद आई। तत्काल ही वो वापस लौटा लेकिन उसे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उसका बैग वापस मिलेगा। उसे लगा कि इतनी भीड़ है, कोई न कोई बैग उठाकर ले गया होगा।
इधर जब एएसआई और बीआईएसएफ कर्मियों की नजर बैग लावारिस पर पड़ी तो उन्होंने तुरंत बैग खोलकर देखा, तो उसमें भारतीय और विदेशी करेंसी के नोट भरे थे। जिनकी कीमत करीब 10 लाख रुपये थी। इसके अलावा बैग में कुछ प्रपत्र भी थे। फिर संरक्षण सहायक ताजमहल प्रिंस वाजपेई ने सीसीटी कैमरा फुटेज से पर्यटक की पहचान कराई और उसकी तलाशी की जाने लगी। इसी बीच ताज पश्चिमी गेट पर पर्यटक मिल गया। डाक्यूमेंट वैरीफिकेशन और जांच के बाद बैग टूअर ऑपरेटर को सौंप दिया गया। बैग मिलने के बाद पर्यटक काफी खुश हुआ और सीआईएसएफ कर्मचारियों की जमकर की तारीफ की।