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साइकिल से 130 किमी. का सफर
रवि शंकर पंवार जो कि प्लंबर का काम करते हैं वो इंदौर से 10 किलोमीटर दूर तलावली गांव में रहते हैं उनकी ससुराल आगर के मालीपुरा है। 1986 में मालीपुरा आगर निवासी स्व. बंशीलाल बनासिया की बेटी सुमन से रवि शंकर की शादी हुई थी। पत्नी सुमन के मानसिक रोगी होने के कारण वो बीते कुछ समय से मायके में ही रह रही थी। जहां बीते दिनों 8 मई को उसका निधन हो गया। पत्नी के निधन की खबर जब रवि शंकर पंवार को लगी तो वो उस दिन तो घर से नहीं निकल पाए क्योंकि उस दिन उनकी भाभी का दसवां था। दूसरे दिन उन्होंने आगर आने के लिए साधन की तलाश की लेकिन लॉकडाउन के चलने उन्हें कोई साधन नहीं मिला ऐसे में उन्होंने साइकिल से ही आगर आने का फैसला लिया और साइकिल लेकर निकल पड़े।
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रात के अंधेरे में सड़क की सफेद पट्टी देखकर चलाई साइकिल
रवि शंकर पंवार ने बताया कि वो दिन भर साधन की तलाश करने के बाद शाम 5 बजे साइकिल से गांव से निकले थे। इंदौर से कुछ किलोमीटर आगे ही निकले थे कि अंधेरा होने लगा। कुछ ही देर में रात हो गई और हर तरफ अंधेरा छा गया ऐसे में उन्होंने सड़क की थर्माप्लास्टिक की सफेद पट्टी को देखते हुए साइकिल चलाई और पौने 13 घंटे में 130 किलोमीटर का सफर तय कर सुबह पौने 7 बजे आगर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि वो घर से कुछ खाना और पानी लेकर निकले थे जिसे रास्ते में उन्होंने खाया और एक घंटे आराम किया। रविशंकर का कहना है कि अगर अंधेरा नहीं होता तो वो 7 घंटे में आगर आ जाते। सुबह जब साइकिल से रविशंकर ससुराल पहुंचे तो उन्हें देखकर ससुराल के लोग भी हैरान रह गए।
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