अगार मालवा

Sawan Somwar 2024: साल में 1 बार बड़ा होता है ये शिवलिंग

Sawan 2024: शिव की साधना के लिए भीम ने लाल पत्थर को काटकर मंदिर और उसी पत्थर से शिवलिंग का निर्माण किया था।

अगार मालवाJul 22, 2024 / 12:21 pm

Astha Awasthi

Sawan 2024

Pandavasariya Mahadev Temple: सुसनेर से 10 किमी दूर विंध्याचल पर्वत की चोटी पर स्थित पंचदेहरिया महादेव मंदिर का इतिहास अनूठा है। मान्यता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान एक वर्ष का अज्ञातवास यहीं काटा था। शिव की साधना के लिए भीम ने लाल पत्थर को काटकर मंदिर और उसी पत्थर से शिवलिंग का निर्माण किया था। पांडवों ने मंदिर को पंचदेहरिया महादेव का नाम देते हुए शिव की आराधना की थी।

शिवलिंग पर तीसरा नेत्र

मंदिर के पुजारी पं. बालाराम व्यास के अनुसार पूर्वजों ने बताया, औरंगजेब ने यहां भी आक्रमण किया था। औरंगजेब के शिवलिंग पर सीधे वार से तीसरे नेत्र जैसी आकृति उभर आई। खंडित हिस्से को जोड़ने का प्रयास किया। लेकिन हिस्सा टूटकर गिर जाता था, ऐसा 20 बार हुआ। बाद में श्रद्धालुओं ने इस हिस्से को शिवजी का तीसरा नेत्र मानकर खाली छोड़ दिया। और तब से आज जक शिवलिंग पर इस हमले का निशान मौजूद है।

महाकालेश्वर जैसा शिवलिंग

शिवलिंग उज्जैन के महाकालेश्वर जैसा दिखाई देता है। इसमें नीचे की ओर पीतल का कवच चढ़ा है। मान्यता है की प्रति वर्ष यह शिवलिंग तिल के समान बढ़ता है।

घटोत्कच की जन्मस्थली

कहा जाता है, पांडव लाक्ष्यागृह से बचकर यहां ब्राह्मण कुमारों के रूप में में भ्रमण कर रहे थे। भीम ने राक्षस हिडंब का वध कर उसकी बहन हिडंबा से विवाह किया था। उसके पुत्र का नाम घटोत्कच था। मान्यता अनुसार मंदिर के समीप गुफा में हिडंब नामक राक्षस की बहन हिडंबा के साथ रहता था।
यहां भीम ने उसका वध किया था। उसके बाद हिडंबा से शादी की। उनकी संतान हुई जिसके सिर पर बाल नहीं होने से उसका नाम घटोत्कच रखा। यहां पांडव माता कुंती के साथ ठहरे थे और मंदिर की स्थापना की थी।

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